पन्नी, लकड़ी और कपड़े से बन रहे शेड, प्रशासन,की एडवाइजरी की धज्जियां उड़ा रहा फुटकर पटाखा व्यवसायी
धरमजयगढ़। जिला प्रशासन ने दीपावली पर्व में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए फटाके जैसे विस्फोटक समाग्री की बिक्री के स्पेशल आदेश जारी किया गया है जिसमे बॉस, पोलिस्टर कपड़ा टेंट द्वारा लगाया गया चमकीली लेस पर प्रतिबन्ध लगाया गया है बावजूद इसमें फटाके व्यवसायी अपने तरिके से ही स्टॉल लगा रहे है
शहरों में इसकी मानिटरिंग तो करते है लेकिन ग्रामीण इलाकों में अधिकारी ध्यान नही देते जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में बड़ी दुर्घटना हो सकती है ,जैसे धरमजयगढ़ के बाद बाकारुमा कापू खम्हार छाल एडू हाटी छोटे गांव ,में अनदेखी करते है, कई जगह तो अपने दुकान पास स्टॉल लगाते है साथ में गैस की रिफिंग भी किया जाता है इस पर प्रशाशन स्तर से गांव तक निरिक्षण किया जाना चाहिए ।
जिसमें सख्त निर्देश दिया गया है कि फटाका दुकानों का शेड किसी भी प्रकार के ज्वलनशील जैसे लकड़ी, बांस, कपड़ा आदि से निर्मित ना कर टीन शेड का निर्माण किया जाना है। लेकिन जिला प्रशासन की इस एडवाइजरी का फुटकर पटाखा विक्रेता संघ खुलेआम धज्जियाँ उड़ा रहा है।
प्रशासन अपनी ही एडवाइजरी का मजाक उड़ता देख रहा है। जिम्मेदार अधिकारी इन व्यवसायीयों के हरकतों को देखकर भी आंख मूंदे हुए हैं । ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार प्रशासन ने इस तरह की एडवाइजरी जारी ही क्यों की। आपको बता दे की धरमजयगढ़ सहित अन्य गांव में अपने दुकान के सामने ही स्टॉल लगा लेते है जिस पर अंकुश लगाया जाय और खुले मैदान में सभी स्टॉल एक साथ लगाया जाय ताकि कोई दुर्घटना से बच सकें।