प्रदेश के मुखिया को एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों ने लैलूंगा में सौंपा, 27% संविदा वेतन-वृद्धि ज्ञापन
वेतन-वृद्धि नहीं मिलने से दशहरा एवं दिवाली में संविदा एनएचएम कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति हुई खराब–
प्रदेश के 16 हज़ार एनएचएम कर्मचारियों को दिवाली पूर्व मिले सौगात, कर्मचारियों ने कहा-नहीं मिलता पर्याप्त वेतन, गुजारा करना होता है मुश्किल, समस्त गांव/विकासखंड/जिले में पदस्थ कर्मचारी
रायगढ़:- उरांव समाज के करमा महोत्सव में, शिरकत करने आज प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय तथा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, रायगढ़ जिले के विकासखंड लैलूंगा पहुंचे। लैलूंगा ब्लॉक एनएचएम कर्मचारियों ने संविदा वेतन-वृद्धि की अपनी पीड़ा को, ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अमित कुमार मिरी के निर्देशन में समाज प्रमुख द्वारा मुख्यमंत्री महोदय को भेजा। निरंतर 24 घंटे अपने परिवार सहित गांव/विकासखंड में अपनी सेवा प्रदान कर रहे, इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की व्यथा सुनने वाला वर्तमान में कोई नहीं है।
एनएचएम कर्मचारियों द्वारा पूर्व में वित्त-मंत्री/विधायक रायगढ़ को भी 27 प्रतिशत संविदा वेतन-वृद्धि हेतु ज्ञापन सौंपा जा चुका है। 19 जुलाई 2023 को विधानसभा के अनुपूरक बजट सत्र में राज्य के 37000 संविदा कर्मचारियों को एकमुश्त 27% संविदा वेतन-वृद्धि की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की गई थी। जिसमें एनएचएम कर्मचारियों की भी संख्या सम्मिलित थी। अधिकतर संविदा विभागों जैसे स्वच्छ-भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, महिला बाल विकास विभाग में उक्त संविदा वेतन-वृद्धि प्रदान की जा चुकी है। न्यूनतम वेतन प्राप्ति होने पर भी एनएचएम कर्मचारियों को आज दिनांक तक संविदा वेतन-वृद्धि प्राप्त नहीं हो पाई है।
एनएचएम में प्रत्येक वर्ष 5% वेतन-वृद्धि परफॉर्मेंस बेस्ड किया जाता रहा है, परंतु यह उन कर्मचारियों को प्राप्त नहीं होता है, जिन्हें वार्षिक कार्य मूल्यांकन में 55% से कम अंक मिलते हैं, हर वर्ष ऐसे कर्मचारियों की संख्या बदलती रहती है। इसके अतिरिक्त एनएचएम मानव संसाधन नीति 2018 की कंडिका 31.4 के अनुसार, मूल मासिक वेतन प्रति 03 वर्ष की अधिकतम समय-सीमा में संशोधित किया जाएगा, जो आज 05 वर्ष बीत जाने के पश्चात, आज दिनांक तक संशोधित नहीं किया गया है। 19 जुलाई 2023 को विधानसभा में घोषित 27 प्रतिशत संविदा वेतन-वृद्धि में किसी कार्य आधारित मूल्यांकन का उल्लेख नहीं था। वह प्रदेश के समस्त 37000 संविदा कर्मचारियों को एकमुश्त वृद्धि की घोषणा थी। विभिन्न कैडर में वेतन-विसंगति भी न्यूनतम वेतन का कारण है-एनएचएम में।
इन कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर सौंप गए कार्य दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया जाता है, वर्तमान में डेंगू, मलेरिया, उल्टी-दस्त, सिकल-सेल स्क्रीनिंग, आयुष्मान-कार्ड, टीबी खोज अभियान, अन्य मौसमी बीमारियों, हेल्थ मेले का आयोजनों में लगातार कार्य कर रहे हैं, स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों की शोषित/आर्थिक/सामाजिक दयनीय स्थिति तथा वर्तमान की बढ़ती जिम्मेदारियो/तकलीफों को पत्र के माध्यम से बताया गया। रेगुलर कर्मचारी, राज्य के स्वीकृत पद के विरुद्ध कार्य कर रहे संविदा कर्मचारी, तथा एनएचएम कर्मचारियों के वेतन में जमीन आसमान का अंतर है। समान कार्य करने के बावजूद इन कर्मचारियों को समान वेतन प्रदाय करना तो दूर 19 जुलाई 2023 को घोषित 27 प्रतिशत संविदा वेतन-वृद्धि भी आज दिनांक तक अप्राप्त है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व व वर्तमान मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप-मुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, मंत्री ओपी चौधरी, केदार कश्यप सहित भाजपा के नेता हड़ताल स्थल में उपस्थित होकर भाजपा सरकार बनने पर 100 दिवस में उक्त संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं को हल करने तथा नियमितीकरण/स्थाईकरण की बात कही गई थी। सरकार बने 10 माह से भी ज्यादा समय हो गया, लेकिन समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख लैलूंगा से जन्मजय सिदार, अश्विनी साय, रवि लाल चौहान, यशोदा राठिया, वैशाली रामटेके, उमेश जोल्हे, रितु सिंह, कुंती पैंकरा, सुशीला खेस, अरविंद कुमार कुर्रे, डॉ मोनिस राजा, चित्र रेखा यादव, हलधर प्रसाद साहू, सुनीता किस्पोट्टा, रेशमा लकड़ा, अस्पताल एवं विकासखंड के समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।