तीन साल की बच्ची के दुष्कर्म व मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर व एस पी को भेजा नोटिस
मामला छत्तीसगढ़ बिलासपुर सिरगिट्टी का है, मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान की शिकायत पर हुआ कार्रवाई
चक्रधरपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला के सिरगिट्टी के रहने वाली एक तीन साल की बच्ची के साथ मार्च माह में एक दंबंग परिवार के व्यक्ति के द्वारा पहले दुष्कर्म फिर हत्या कर दी जाती है। जिस पर लोगों का गुस्सा का प्रभाव स्थानीय प्रशासन को झेलना पड़ा। दंबग परिवार के डर से परिवार वाले गांव चले गए। बच्ची का उधार लेकर अंतिम संस्कार किया गया था। इस मामले पर मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली में एक शिकायत दर्ज कराई जिस पर आयोग के एल.एम. पाठक
सलाहकार (कानून) आयोग के निर्देश पर कहा है की शिकायत गंभीर है
शिकायत के अवलोकन पर यह पाया गया कि शिकायत में लगाए गए आरोप पीड़िता के मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन किया गया हैं। इसलिए, रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि शिकायत की एक प्रति जिला मजिस्ट्रेट, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ और पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर छत्तीसगढ़ को उचित कार्रवाई के लिए भेजें और 8 सप्ताह के भीतर एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ऐसा न करने पर आयोग को धारा 13 पीएचआर अधिनियम, 1993 के तहत बलपूर्वक कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। 8 सप्ताह के भीतर आयोग को एक कार्रवाई रिपोर्ट भेजी जाए।
इस मामले में सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा कोई भी संचार कृपया सार्वजनिक अधिकारियों को पहले से प्रदान किए गए आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके एचआरसीनेट पोर्टल (https://hrcnet.nic.in) के माध्यम से आयोग को भेजा जा सकता है ईमेल के माध्यम से भेजी गई रिपोर्ट/प्रतिक्रियाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।
आयोग के तरफ से इस की एक प्रति मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ डीजीपी छत्तीसगढ़ को भी भेजा गया है।
बैरम खान ने कहा कि इंसान कितना बड़ा हैवान हो चुका है वो अब दुध पीने वाले बच्चों को भी नहीं छोड़ रहा है। दबंगाई इस तरह हावी है की अंतिम संस्कार उधार में और परिवार को गांव छोड़कर चले जाना पड़ गया है। छत्तीसगढ़ प्रशासन से मांग किया गया है कि पीड़ित परिवार को पुनः पुनः सुरक्षा देकर बसाया जाए एवं दबंगई लोगों पर कठोर से कठोर कार्रवाई करें।