शिक्षकों की कमी: आठ स्कूल शिक्षकविहीन, 88 में एक-एक, बच्चे और पालक करे तो करें क्या
बिलासपुर जिले के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्कूलों में शिक्षकों की कमी बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर असर डाल रही है। कई स्कूलों में एक ही शिक्षक को मध्याह्न भोजन से लेकर सभी कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। आठ ऐसे भी स्कूल है जहां कोई शिक्षक ही नहीं है..ऐसे लक्ष्य को हासिल करना बेहद मुश्किल
बिलासपुर: जिले के आठ स्कूलों में तो कोई शिक्षक ही नहीं है, जबकि 88 स्कूल एक ही शिक्षक सभी विषय पढ़ा रहे हैं। यह स्थिति छात्रों की बुनियादी शिक्षा को कमजोर कर रही है, जिससे उनकी आगे की पढ़ाई में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
शिक्षकों की भारी कमी के कारण इस साल जिले के 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम राज्य के औसत से भी खराब रहे। 10वीं में केवल 63.28% और 12वीं में 66% छात्र पास हो सके। कलेक्टर ने हाल ही में शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्राचार्यों के साथ बैठक कर ‘मिशन 90 प्लस’ का एक्शन प्लान तैयार किया था, जिसका लक्ष्य बोर्ड परीक्षा परिणाम को 90% से अधिक पास प्रतिशत तक पहुंचाना था। हालांकि, शिक्षकों की भारी कमी के चलते इस लक्ष्य को हासिल करना बेहद मुश्किल हो सकता है। इस समस्या के समाधान की आवश्यकता है ताकि बच्चों की शिक्षा पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
आठवीं प्रमोशन प्रणाली का बुरा असर
पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं बंद होने के बाद छात्रों को बिना परीक्षा के ही प्रमोट किया जा रहा है। यह प्रक्रिया 2010 में लागू की गई थी जिसका छात्रों की पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ा। बिना परीक्षा के प्रमोशन से बच्चों की पढ़ाई में गहराई कम हो गई है, जिससे उच्च कक्षाओं में पहुंचने पर उनका बेस कमजोर रहता है।
बेसिक कमजोर तो आगे की पढ़ाई होगी मुश्किल: डा. तरुणधर
शिक्षाविद डा. तरुणधर दीवान के अनुसार जिन छात्रों की बेसिक शिक्षा मजबूत नहीं होती, उन्हें आगे की पढ़ाई में दिक्कतें आती हैं। बेसिक कमजोर होने के कारण उनकी रुचि धीरे-धीरे पढ़ाई से कम होती जाती है। इसलिए स्कूल की पढ़ाई के दौरान बच्चों के बेसिक शिक्षा को मजबूत करना बेहद जरूरी है, ताकि वे उच्च शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर शासन को जानकारी भेजी गई है। अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था कर दी गई है। वहीं सभी ब्लाक शिक्षा अधिकारियों को संबंधित संकुलों से शिक्षक व्यवस्था करने और कमी को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन स्कूलों में एकल शिक्षक हैं, वहां अतिरिक्त शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। जिन संकुलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, वहां अन्य संकुलों से शिक्षक बुलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।टीआर साहू, जिला शिक्षा अधिकारी