नृय्य टीम रही मुख्य आकर्षण का केंद्र
रायगढ़ । चक्रधर समारोह के दूसरे दिन लोक गायन के रूप में विजय शर्मा और उनकी टीम ने अपनी पहली प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया बता दे कि विजय शर्मा एक लोक और भजन गायक है जिन्होंने विभिन्न मंचो में अपनी प्रस्तुतियां देकर राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड तक प्राप्त किया है,
कार्यक्रम प्रस्तुति दौरान सर्वप्रथम माता जसगीत लोकधुन से मंच गुंजित हुआ तत्पश्चात छतीसगढ़ महतारी को आह्वान करते हुए लोकगीत महुआ झरे रे,बिहाव गीत,आदि गीतों से टीम ने अपनी छाप छोड़ी।
छत्तीसगढ़ी गानों की धुन पर दर्शक झूमने लगे जिन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया दर्शकों ने तालियों से विजय शर्मा और टीम की प्रस्तुति की सराहना की। यह प्रस्तुति छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने में सफल रही।
टीम के कलाकारों में मुख्य रूप से विजय शर्मा के साथ गीतिका दास वैष्णव,नीलम थवाईत,संजू चौहान,विनोद चौहान रहे वही नृत्य टीम में समर निषाद की टीम ने अपनी छाप छोड़ी,छतीसगढ़ महतारी के भेष में श्रद्धा तिवारी और किसान का अभिनय राजेन्द्र साहू ने किया,देवी के रूप में श्रद्धा शर्मा तो सेवक के रूप में लोकेश गुप्ता रहे, संगीत टीम में ओमप्रकाश मुन्ना दास महंत,वासु महंत,अशोक वैष्णव,दीपक महंत ने संगत किया।
चक्रधर समारोह में विभिन्न कलाकारों की प्रस्तुतियां जारी हैं, जो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित कर रही हैं।