छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट की अवमानना करने वाले प्रभारी सीईओ पर शासन-प्रशासन मेहरबान

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नागेश साहू की नियुक्ति को उच्च न्यायालय ने अवैधानिक कहा सीईओ मानने को तैयार नहीं ।

छुरा/ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर ने अपने आदेश पर जिस कर्मचारी की नियुक्ति को अवैधानिक कहा उसे छुरा जनपद पंचायत के प्रभारी सीईओ सतीष चन्द्रवंशी ने वैध मानकर सेवा समाप्ति नहीं करने पर अडिग है। सतीष चन्द्रवंशी प्रभारी सीईओ जो स्वेच्छाचारिता, हठधर्मिता व अनिष्ठा का प्रतिक, उदासीनता का आरोप कोई और नहीं जिला पंचायत गरियाबंद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जी आर मरकाम ने शासकीय पत्र क्रमांक 1824/20/06/25 में आयुक्त आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास इन्द्रावती भवन अटल नगर को  पत्र में लेख किया है

प्रभारी सीईओ सतीष चन्द्रवंशी ने साहयक ग्रेट पुनेश्वर सेन की सेवा समाप्ति के आदेश पर उच्च न्यायालय ने पुनेश्वर सेन का सेवा बहाल कर सेवा में रखने का आदेश पर सीईओ प्रभारी ने बहाली करने में आना-कानी कर उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश का अवमानना करते हुए पुनेश्वर सेन का बहाली नहीं करने एवं जिला सीईओ के आदेश को नजरंदाज करने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण 1965,1966के तहत काबिल दंण्डनी है।

जनपद पंचायत छुरा में साहयक ग्रेट तीन का एक पद स्वीकृत हैं जिस पर पुनेश्वर सेन के पदस्थ रहते हुए नागेश साहू की नियुक्ति 1/10/24 को साहयक ग्रेट तीन पर नियुक्त कर पुनेश्वर सेन को 25/10/25 को सेवा समाप्ति का आदेश थमा दिया गया, पुनेश्वर सेन की याचिका पर उच्च न्यायालय ने नागेश साहू की नियुक्ति को अवैधानिक करार दिया एंव पुनेश्वर सेन की सेवा बहाली का आदेश पारित किया गया।

प्रभारी सीईओ सतीष चन्द्रवंशी ने 28/1/25 को उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा नागेश साहू की नियुक्ति को अवैधानिक क़रार करने के बाद भी सतीष चन्द्रवंशी वैधानिक मानकर आज भी सेवा में रखा हुआ है। जनपद पंचायत में जब एक पद साहयक ग्रेट तीन का है पर दो लोगों को रखना समझ से परे है। दोनों को वेतन भुगतान भी किया जा रहा है ।

कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ पर प्रभारी सीईओ भारी है । पीएम आवास घोटाले पर जिला प्रशासन मौन है । जिला स्तर के अधिकारीयों का मौन रहना ….? प्रभारी सीईओ सतीष चन्द्रवंशी अपने आपको मंत्री का खासमखास बताते फिराता है, जानकारी के अनुसार मंत्री का नहीं मंत्री जी के पीए का सेवा सत्कार कर पीएं के दम-खम पर जिला प्रशासन के कार्यवाही आदेश को आयुक्त आदिमजाति कल्याण विभाग तथा अनुसूचित जाति रायपुर में पीएं साहब से फ़ोन करवा कर रोकवाने, क्षेत्र संयोजक मूल पद हैं

जो पीएं साहब के बदौलत सीईओ जनपद पंचायत छुरा प्रभार में , सतीष चन्द्रवंशी जनपद पंचायत में लगे नागेश साहू एवं पुनेश्वर सेन के संबंध में आरटीआई की दस्तावेजों को  देने के बजाय गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया ? दस्तावेजों के बदले आओ मिलों संबंध बनाकर रखिए फायदा आपको होगा ।

उच्च न्यायालय का अवमानना करने वाले सतीश चन्द्रवंशी के उपर कार्यवाही होना चाहिए एवं नागेश साहू की नियुक्ति को अवैधानिक क़रार देने का उच्च न्यायालय के आदेश पर भुगतान का वसूली होगा ? क्या जिला के प्रशासनिक अधिकारी संज्ञान में लेंगे शायद ?
हाई कोर्ट की अवमानना का अर्थ किसी उच्च न्यायालय के  यह अदालत के आदेशों का पालन न करना (सिविल अवमानना) या अदालत भारत में, न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 और संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत इस पर कार्रवाई की जाती है, जिसके लिए जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है।


हाई कोर्ट की अवमानना  इसमें अदालत के किसी आदेश, डिग्री, या फैसले का जानबूझकर पालन न करना शामिल है। यह किसी भी ऐसे कार्य या कथन से संबंधित है जो अदालत के अधिकार या गरिमा को कम करता है, या न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप करता है।
क्या अवमानना के दायरे में आता है?

अदालती आदेशों की अवहेलना अदालत के स्पष्ट आदेशों का पालन न करना।

किसी मामले से संबंधित सबूतों को छिपाना या नष्ट करना।

प्रभारी सीईओ सतीष चन्द्रवंशी:— अखबार में प्रकाशित होने से कुछ नहीं होंगा सिस्टम के साथ चलोगे तो फायदा  है , नीचे से उपर ….. आप सब समझते हैं ।

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