छत्तीसगढ़

बाढ़ से जनजीवन बेहाल कट गया गाँवो का ज़िला मुख्यालय से संपर्क

तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से बीजापुर ज़िले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। छत्तीसगढ़ तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में बाढ़ आने से दोनों सड़कें बंद हैं। बीजापुर ज़िले के कई नदी नालों में भी बाढ़ से हालात हैं। चेरपाल, मिरतूर, बासागुड़ा, कुटरु क्षेत्र में नदी नाले उफान पर हैं। इंद्रावती नदी का जलस्तर भी धीरे धीरे ख़तरे के निशान को छूने लगा ही। बीजापुर ज़िला मुख्यालय से लगे धनोरा में बाढ़ आने से बोरजे, तोयनार क्षेत्र के दर्जनों गाँवो तक सड़क संपर्क टूट गया है। वहाँ का जायज़ा लिया हमारे संवाददाता ने.

 छत्तीसगढ़ तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में रामपुरम गाँव के पास नेशनल हाइवे 63 में बाढ़ आने से कल देर रात से यात्री और गाड़ियों के चालक फँसे हैं। देर रात से फँसे इन लोगों की सुध लेने प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं पहुँचा।

कल भैरमगढ़ नगर में बाढ़ ने तांडव मचाया। सैकड़ों घरों में बाढ़ के पानी ने तांडव मचाया। खाने के सामान सहित घर पर रखा हर सामान बाढ़ के पानी के चपेट में आ गया। क्या नेशनल हाइवे क्या सरकारी बिल्डिंग हर तरफ़ पानी हो पानी था। पोटाकेबिन में भी कई फीट ऊपर तक पानी बह गया था। ग्रामीण भूखे प्यासे मदद का इंतज़ार करते रहे।

आज बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने बाढ़ पीड़ित महिलाओं से मुलाक़ात की। वार्ड के बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद का विधायक ने भरोसा दिलाया.

बढ़ रहा है इंद्रावती नदी का जलस्तर.
बस्तर से होकर तेलंगाना को जाने वाली इंद्रावती नदी भी अपने पूरे शबाब पर है। इंद्रावती नदी अपने ख़तरे के निशान के आसपास बह रही है ख़तरे का निशान 12.50 मीटर है जबकि इंद्रावती नदी अभी 11.80 मीटर ऊपर बह रही है। लगातार आज भी बारिश हुई तो कई इलाक़े बाढ़ के चपेट में आ सकते हैं।

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