छत्तीसगढ़

होली सेवियर चर्च में 21 दिसंबर को होगा भव्य क्रिसमस मिलन समारोह का आयोजन

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24 और 25 को मनेगा भगवान ईशु का जन्मोत्सव 

एंग्लो इंडियन और यूरोपियन रेलवे कर्मचारियों के लिए किया गया था होली सेवियर चर्च का निर्माण

चक्रधरपुर । चक्रधरपुर के सीएनआई चर्च ( होली सेवियर गिरजाघर/लाल गिरजा) में क्रिसमस का आगमन हो गया है। ऐसे तो पहले दिसंबर से चर्च में क्रिसमस का आगमन हो चुका है। 1 दिसंबर से 20 दिसंबर तक कई आगमन काल अथवा एडवेंट काल कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। 24 दिसंबर देर रात को यहां भगवान ईशु मसीह का जन्म दिवस मनाया जाएगा। इसके लिए रात साढ़े ग्यारह बजे से प्रभु ईशु मसीह की आराधना की जाएगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग शामिल होंगे। 25 दिसंबर को चर्च में साढ़े छह बजे अंग्रजी में और 8 बजे हिंदी में आराधना की जाएगी, जिसमें ईशु मसीह कृत संदेश सुनाया जाएगा। इसके अलावा प्रभु भोज साक्रामेत अनुष्ठान का आयोजन होगा जिसमें में बड़ी संख्या में मसीह समाज के लोग शामिल होंगे।

क्या है होली सेवियर चर्च का इतिहास ?
चक्रधरपुर का सीएनआई चर्च (होली सेवियर गिरजाघर) उपासनालय का निमार्ण मूल रूप से एंगलो इंडियन और यूरोपियन ईसाई रेलवे कर्मचारियों लिए किया गया था। यह लाल गिरजाघर के नाम से प्रसिद्ध है । वर्ष 1892-93 के पूर्व चक्रधरपुर में कोई चर्च का उपासनालय नहीं था। 1892-93 में मसीही रेलवे कर्मचारियों के लिए रेव्ह आर्थर लोंग्सडेल चाईबासा से महीने में एक बार गिरजा करने के लिए चक्रधरपुर आते थे। गिरजा घर नहीं होने के कारण कभी  रेलवे स्टेशन मास्टर के दफ्तर, कभी प्रतीक्षालय में तो कभी पोटका डाक बंगला में प्रभु की आराधना की जाती थी।

समस्या के स्थायी समाधान के लिए रेव्ह लोंग्सडेल ने मई 1893 में मिशन कंपाउंड में जमीन का एक टुकड़ा खरीदा और वहां एक अस्थायी गिरजाघर व विश्रामगृह का निमार्ण कराया। 25 मई 1894 को गिरजाघर के लिए शिलान्यास किया गया और यह 1896 में बनकर तैयार हो गया। बताया जाता है कि उस समय इसे बनाने में छह हजार रुपए खर्च हुए थे। 20 सितंबर 1896 को इस गिरजाघर को आराधना के लिए पहली बार खोला गया। उस दिन की हिंदी आराधना में प्रभु भोज ग्रहण करने की पात्रता रखने वाले 14 और अंग्रेजी आराधना के लिए आठ मसीही समाज के लोग शामिल हुए।

इसके बाद के दिनों में यहां मनोहरपुर ,मुरहू और आद्रा से पादरी आने लगे। मिशनरी के रूप में मिस पोप 1922 और डिकेंस हेलेन स्कोफल्डि 1937 में यहां आई । 1938 में प्रचारक जॉन लुगुन की नियुक्ति हुई। गिरजाघर बनाने से पहले एक लोअर प्राइमरी स्कूल खोला गया था। वर्तमान में रेव्ह कुंदन मालवा यहां के 18 वें पेरिस पुरोहित के रुप में जिम्मेदारी संभाल रहें हैं।

पेरिस पुरोहित कुंदन मालवा इससे पहले खूंटी जिले के लोधमा का कर्रा कच्चा बारी चर्च में पेरिस पुरोहित के तौर पर सेवा दे रहे थे। होली सेवियर चर्च के पुरोहित कुंदन मालवा के प्रयास से चर्च में भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कराया गया एवं चर्च परिसर के विकास में उनकी अहम भूमिका रही है। रेव. कुंदन मालवा ने कहा कि ईशु के गुणों के द्वारा प्रत्येक बुराई को भलाई से जीत सकते हैं और यही मानवता का उद्धार कार्य है। 

21 दिसंबर को होली सेवियर चर्च में होगा भव्य क्रिसमस मिलन समारोह का आयोजन

पेरिस पुरोहित कुंदन मालवा ने बताया कि 21 दिसंबर को होली सेवियर चर्च में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मसीह समाज के बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होकर ईश्वर की प्रार्थना करेंगे। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम के अंर्तगत एकल नृत्य संगीत, सामुहिक नृत्य संगीत, नाटक, लघु नाटक , ईसाई समुदाय के विभन्नि ईकाईयों के द्वारा सांस्कृ्तिक कार्यक्रम प्रस्तूत किए जाऐंगे। होली सेवियर चर्च में पेरिस पुरोहित कुंदन मालवा के प्रयास से चर्च का भव्य प्रवेश द्वार का निमार्ण कराया गया है क्रिसमस मिलन को लेकर चर्च में सजावट का कार्य जारी है।

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