शासन द्वारा प्राप्त आबंटन पुर्नवास भूमि पर अवैध प्लाटिंग

धरमजयगढ़ :- शासन के नियमो के तहत् शासकीय भूमि जो पुर्नवास योजना हो या वनभूमि योजना की नियमानुसार / आदेशानुसार दी गई भूमि स्वामि हक पर वारिसना के सिवाय (फैप्त) अन्य दूसरे का नाम खसरा विवान मे नही चढ़ाया जा सकता, और न वसीमत नामा लिखा जा सकता है परन्तु कलेक्टर महोदय के आदेशनुसार उम्त भूमि पर अतरण (नाम चढ़ने) किया सकता है। परन्तु ऐसी भूमि पर कई लॉग दुसरे की भूमि पर अपना चढवा लिया व एक से अधिक खसरा नं० की भूमि को अपने नाम चढ़कर विधि विरुद्ध अवैध प्लाटिंग कर अन्य लोगों को क्रम/ विक्रय किया गया है
पुर्नवास विभाग द्वारा प्रदत्त पठ ह० 33 रा० मि० म० धरमजयगढ़ प्र० धरमजयगढ़
में छत्तीसगढ़ शासन की आपदा विभाग द्वारा 50/60 वर्षों से लीज पट्टा पाने वाले विस्थपियाओ को भूमि स्वामी हक आदेश। दिया गया था। पट्टा पाने पर कुछ लोगों द्वारा नियम विरुद्ध जमीन का क्रम विक्रय किया जाना शुरू किया गया था जिसमें कुछ लोगों द्वारा हल्का न० 33 जो नगर पंचायत क्षेत्रान्तर्गत स्थित है उन पर नगर पालिका अधिनियाम 1961 की धारा का उल्लघन करते हुए अवैध प्लाटिंग कर बेचा गया है।
पहले इन गैरविधिक
लोगो द्वारा दुसरे के भूमि पर अपना नाम चढवा लिया, कुछ के द्वारा एक से अधिक भूमि पर गलत डिकीमेंट देकर पट्टा प्रप्त किया तथा कुछ धुसपेठी विस्तपित परिवार नहीं होने के द्वारा भूमि स्वामी हक पत्ता बना लिया फिर अवैध प्लाटिंग कर उसे टुकड़ों टुकड़ों में बेचा गया है वह किया जा रहा है चूंकि क्षेत्र में S.E.C.L व K.P.C.L कोल माइंस के क्रमश: भारत सरकार द्वारा 2016 व 2019-20 को कोयला उत्खनन के लिए नियमों के अनुसार भूमि प्रदान किया है जब शासकीय भूमि पर विधि अनुसार बिना कलेक्टर अनुमति स्वीकृति के बगैर वारिसन के छोड़ अन्य किसी नाम जोड़ा नहीं जा सकता व वसीयतनामा नहीं लिखवा सकते फिर उसे भूमि पर अवैध प्लाटिंग किया जाना गलत है।
कोयला खदान खोले जाने के धारा 11 (1) फरवरी 2016 में प्रकाशन के उपरोक्त भूमि पर से सारे अधिकार कंपनी को प्राप्त हो जाने पर 2023 से भू अर्जन अंकित किए जाने के पूर्वक कई प्लाटों की कम विक्रय के साथ-साथ डायवर्सन भी भू-माफिया लोग कर लिया और प्लाटों को छोटी-छोटी टुकड़ों में प्लाटिंग कर विधि विरोध बेचा गया है।
कॉल कंपनी खोले जाने की आहट पा कर अवैधानिक लोग प्रभावित क्षेत्र में की भूमि पर अधिक धन पाने के लिए अवैध निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है तथा कंपनी ना खोले जाने के विरुद्ध किसानों को विस्थापित होने की भय दिखाकर अपने लाभ के लिए विरोध कर रहे हैं अब स्थानीय शासन की जिम्मेदारी है कि उन अवैधानिक लोगों पर किस तरह विधि सम्मत कार्यवाही करें और जांच कर उनके द्वारा किया गया (भूमि संबंधी) कार्य को शून्य घोषित करे।





