छत्तीसगढ़

लकड़ी माफियाओं पर प्रशासन का शिकंजा  चार ट्रक अवैध लकड़ी सहित जब्त, चालक फरार

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राजस्व और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई से हड़कंप, बैक डेट में दस्तावेज तैयार करने की चर्चा तेज

सूरजपुर कौशलेन्द्र यादव  । जिले में लंबे समय से सक्रिय लकड़ी माफियाओं के खिलाफ आखिरकार प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। राजस्व विभाग और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सूरजपुर के परी क्षेत्र में दबिश देकर चार ट्रकों में भरी नीलगिरी की अवैध लकड़ियाँ जब्त की हैं। कार्रवाई के दौरान तीन ट्रक चालक मौके से ट्रक लॉक कर चाबी लेकर फरार हो गए। देर शाम तक प्रशासन उनकी तलाश में जुटा रहा, लेकिन सफलता नहीं मिली।



तहसीलदार के नेतृत्व में कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार तहसीलदार सूर्यकांत साय के नेतृत्व में राजस्व और वन विभाग की टीम ने परी क्षेत्र के दो  गोदाम पर छापा मारा। वहां से चार ट्रक लकड़ी जब्त की गईं, जिनमें से एक ट्रक को वन विभाग के डिपो में खड़ा कराया गया है, जबकि बाकी तीन ट्रकों को चालकों ने मौके पर लॉक कर फरारी पकड़ ली। मौके से किसी भी ट्रक के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला।



भंडारण की अनुमति नहीं — एसडीएम

भंडारण अनुमति को लेकर पूछे जाने पर एसडीएम ने साफ कहा, “किसी भी व्यक्ति को लकड़ी भंडारण की अनुमति नहीं दी गई है।”
सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के व्यापारी आज़म खान सहित कई कारोबारी जिले में लकड़ी का बड़ा नेटवर्क चला रहे हैं। जिले के कई इलाकों में नीलगिरी और अन्य प्रजातियों की अंधाधुंध कटाई कर अवैध भंडारण किया जा रहा है, जिससे हरियाली पर गहरा संकट छा गया है।



संयुक्त टीम की कार्रवाई से मचा हड़कंप, बैक डेट में कागज बनने की चर्चा

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार विभाग अब बैक डेट में दस्तावेज तैयार करने में जुटा है, ताकि गाड़ियों को वैध दिखाया जा सके। कहा जा रहा है कि विभागीय मिली-भगत से यह कागजी खेल चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, “लेन-देन” के बाद लकड़ी छोड़ने की तैयारी हो रही है, जबकि मौके पर लकड़ी का कोई वैध कागज नहीं मिला था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई अगर निष्पक्ष जांच की दिशा में बढ़े तो बड़े अधिकारियों और माफियाओं की सांठ-गांठ बेनकाब हो सकती है।



प्रशासन का रुख सख्त

प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि जब्त लकड़ियों को सुरक्षित स्थल पर रखा गया है और पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है। जल्द ही संबंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि जिले में पर्यावरण संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता पर है और अवैध लकड़ी कारोबार में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

जनता ने की सतत निगरानी की मांग

इस कार्रवाई के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन की कार्रवाई का स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि  “यह सिर्फ शुरुआत है। अगर इसी तरह लगातार कार्रवाई होती रही तो जिले से लकड़ी माफियाओं का नेटवर्क पूरी तरह खत्म हो जाएगा।”

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