रायगढ़ में ACB की ताबड़तोड़ कार्रवाई: आबकारी उपनिरीक्षक 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों धरा गया!

रायगढ़@खबर सार :- भ्रष्टाचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) का हंटर फिर चला! इस बार रायगढ़ जिले के खरसिया में आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक संतोष कुमार नारंग को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। ACB की बिलासपुर इकाई ने शनिवार को खरसिया के आबकारी कार्यालय में यह सनसनीखेज कार्रवाई की, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
शिकायत से शुरू हुआ जाल: मामला 20 अगस्त को तब सामने आया, जब धर्मजयगढ़ के सुनीत टोप्पो ने ACB बिलासपुर में शिकायत दर्ज की। सुनीत ने बताया कि 19 अगस्त को आबकारी उपनिरीक्षक संतोष नारंग उनके गांव पंडरी महुआ में उनकी मां के घर पहुंचे। नारंग ने शराब बनाने का आरोप लगाते हुए घर की तलाशी ली और सुनीत की मां से कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद, कार्रवाई से बचने के लिए नारंग ने 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी। सुनीत ने रिश्वत देने से इनकार कर नारंग को पकड़वाने का फैसला किया।
ACB ने बिछाया जाल: शिकायत की पुष्टि के बाद ACB ने ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई। 30 अगस्त को सुनीत को 50,000 रुपये की रिश्वत राशि लेकर नारंग के पास भेजा गया। जैसे ही नारंग ने खरसिया के आबकारी कार्यालय में रिश्वत की रकम ली, ACB की टीम ने उसे धर दबोचा। रिश्वत की पूरी रकम जब्त कर ली गई और नारंग के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत कार्रवाई शुरू की गई।
इलाके में मचा हड़कंप: धर्मजयगढ़ और खरसिया, दोनों ही नारंग के कार्यक्षेत्र में आते हैं। ACB की इस कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में खौफ का माहौल है। स्थानीय लोगों में भी इस घटना की खूब चर्चा है। ACB सूत्रों ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी यह मुहिम रुकने वाली नहीं है।
लगातार कार्रवाई का दौर: ACB की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है। सूत्रों का कहना है कि भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए ऐसी ताबड़तोड़ कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी। रायगढ़ में यह कार्रवाई भ्रष्टाचारियों के लिए एक सख्त चेतावनी है कि अब रिश्वत का खेल नहीं चलेगा!
ACB की इस धमाकेदार कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी नजरें हर जगह हैं। सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई भ्रष्टाचार की जड़ों तक पहुंच पाएगी?





