RAIGARH : सड़कें फिर लहूलुहान, गौ माताओं की मौत, RTO और ट्रैफिक पुलिस की नींद में खलल कब?

रायगढ़@दीपक शोभवानी :- रायगढ़ की सड़कों पर एक बार फिर खून की होली खेली गई। दर्रामुड़ा के पास एक बेलगाम ट्रक ने गौ माताओं को रौंद दिया, कई की दर्दनाक मौत हो गई, और कुछ तड़प रही हैं। यह हादसा नहीं, RTO और ट्रैफिक पुलिस की नाकामी का नंगा नाच है। ट्रक चालक फरार, गायें मरीं, और जिम्मेदार विभाग नींद की चादर ओढ़े खर्राटे भर रहे हैं।
दर्रामुड़ा में खूनी मंजर
रविवार रात, दर्रामुड़ा के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क पर चर रही गायों को कुचल दिया। खून से लथपथ गौ माताएं सड़क पर बिखर गईं। स्थानीय लोगों ने गुस्से में सड़क जाम कर दी, लेकिन ट्रक चालक तो हवा हो गया। ग्रामीणों का सवाल है—RTO और ट्रैफिक पुलिस आखिर कर क्या रही है? सड़कों पर बेलगाम वाहनों का राज और गायों की मौत का सिलसिला कब रुकेगा?
RTO और ट्रैफिक पुलिस की नाकामी
रायगढ़ में सड़क हादसे कोई नई बात नहीं। हर बार गायों और इंसानों का खून बहता है, लेकिन RTO के कागजी शेर और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही उसी ढाक के तीन पात। नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं—बिना परमिट के ट्रक, ओवरलोड वाहन, और रात में बेतहाशा रफ्तार। ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग नाममात्र की, और RTO के अधिकारी कुर्सी तोड़ते नजर आते हैं। क्या इनके लिए गौ माताओं की जान की कोई कीमत नहीं?
पहले भी बजा चुका है खतरे का अलार्म
2020 में कोतरा रोड पर ट्रक ने मां-बेटे को कुचला। 2022 में अवैध गौ तस्करी के वाहन पलटे। अब 2025 में फिर वही कहानी। हर बार वादे, आश्वासन, और फिर चुप्पी। ट्रैफिक पुलिस की नाक के नीचे बिना नंबर प्लेट के वाहन दौड़ रहे हैं, और RTO को खबर तक नहीं। सवाल यह है—क्या नियम सिर्फ किताबों में रह गए? क्या गायों की रक्षा का ढोंग अब बंद होगा?
जनता का गुस्सा, RTO-पुलिस की चुप्पी
हादसे के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। स्थानीयो ने तल्ख लहजे में कहा, “RTO और ट्रैफिक पुलिस को गायों की जान से ज्यादा अपनी कुर्सी प्यारी है। सड़कों पर नियम लागू करने की हिम्मत इनमें कहां?” ग्रामीणों ने मांग की कि गायों की सुरक्षा के लिए गौशालाएं बनें, रात में भारी वाहनों पर रोक लगे, और RTO ट्रक चालकों के लाइसेंस की सख्त जांच करे। लेकिन सवाल वही—क्या प्रशासन की नींद टूटेगी?
RTO और ट्रैफिक पुलिस से सीधे सवाल
– बिना परमिट और ओवरलोड ट्रकों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
– सड़कों पर चेकिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति क्यों?
– गौ माताओं की मौत के लिए जिम्मेदार कौन—RTO, ट्रैफिक पुलिस, या दोनों?
– नियम तोड़ने वाले चालकों के लाइसेंस कब रद्द होंगे?
बंद करो यह खूनी खेल!
रायगढ़ की सड़कों पर गौ माताओं का खून बहना अब रोज की बात हो गई है। RTO और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही ने सड़कों को कसाईखाना बना दिया। जनता मांग कर रही है—सख्त नियम, कड़ी निगरानी, और तुरंत कार्रवाई। अगर अब भी नहीं जागे, तो रायगढ़ की जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी। गौ माताओं को इंसाफ दो, वरना कुर्सियां खाली करो!





