
रायगढ़@खबर सार :- रायगढ़ के पुसौर में कुख्यात खाईवाल सतीश चौहान का काला साम्राज्य तांडव मचा रहा है! जुआ और स्टाइगर का यह गंदा खेल गांवों की गलियों से लेकर चौराहों तक खुलेआम चल रहा है, और सबसे बड़ा झटका यह कि स्थानीय पुलिस इस काले धंधे की सरपरस्त बनकर ग्रामीणों की जिंदगी नरक बना रही है! एनटीपीसी लारा, मल्दा, और बड़े हल्दी जैसे गांव अब सतीश चौहान के काले जाल में पूरी तरह जकड़ चुके हैं, और मासूम ग्रामीण इस गोरखधंधे की भेंट चढ़ रहे हैं।
सतीश चौहान का दबदबा, पुलिस की चुप्पी का तमाचा: ग्रामीणों का सनसनीखेज खुलासा है कि सतीश चौहान और उसके गुर्गों को आरक्षक बेहरा व साथी और थाना प्रभारी का खुला संरक्षण हासिल है। दिन-दहाड़े बाजारों में, चाय की टपरियों पर, और गांवों के कोने-कोने में स्टाइगर और जुआ के अड्डे बेख़ौफ़ चल रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि सतीश चौहान हर महीने पुलिस को मोटी “हफ्ता” राशि देकर उनके मूंह सिल देता है। नतीजा? कोई छापेमारी नहीं, कोई कार्रवाई नहीं! जो ग्रामीण शिकायत की हिम्मत जुटाते हैं, उन्हें सतीश के गुंडों की धमकियां और जान से मारने की खुली चुनौती मिलती है।
गरीबों की जिंदगी लूट रहा सतीश का जाल: सतीश चौहान का यह काला कारोबार गरीब और भोले-भाले ग्रामीणों की कमर तोड़ रहा है। स्टाइगर और जुआ की लत में फंसकर कई परिवार बर्बादी के कगार पर हैं। युवा पीढ़ी इस जहर की चपेट में आकर अपराध और नशे की गहरी खाई में धंस रही है। गांवों का माहौल इतना गंदला हो चुका है कि लड़ाई-झगड़े, मारपीट और असामाजिक गतिविधियां आम हो गई हैं। ग्रामीणों का कहना है, “सतीश चौहान का यह धंधा हमारे बच्चों का भविष्य और गांव की शांति, सबकुछ तबाह कर रहा है।”
पुलिस की नौटंकी, जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर: पुसौर के लोग पुलिस की इस बेशर्मी से त्रस्त हैं। थाने में शिकायत लेकर जाने वालों को न सुनवाई मिलती है, न इंसाफ। उल्टा, सतीश चौहान और उसके गुर्गों को खुली छूट दी जा रही है। ग्रामीणों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर है, और वे पुलिस अधीक्षक से मांग कर रहे हैं कि सतीश चौहान के इस काले साम्राज्य को जड़ से उखाड़ा जाए। लोग पूछ रहे हैं, “क्या पुलिस का काम सिर्फ हफ्ता वसूलना है, या जनता की रक्षा करना भी?”
कब रुकेगा सतीश का तांडव?: पुसौर में सतीश चौहान का यह काला जंगलराज अब हदें पार कर चुका है। सवाल यह है कि क्या रायगढ़ पुलिस अधीक्षक इस गंदे खेल की स्याही को मिटाने का दम दिखाएंगे? या फिर सतीश चौहान का यह काला साम्राज्य यूं ही गांवों को बर्बाद करता रहेगा? जनता की आंखें पुलिस के अगले कदम पर टिकी हैं, और हर कोई उस दिन का इंतजार कर रहा है, जब सतीश चौहान और उसके गुर्गों का यह गोरखधंधा हमेशा के लिए दफन होगा।
तीखा सवाल: रायगढ़ पुलिस कब तक सतीश चौहान के इस काले कारोबार को पनपने देगी? अब वक्त है सख्त एक्शन का! ग्रामीणों की पुकार सुनें, सतीश के जाल को तोड़ें, और गांवों में अमन-चैन बहाल करें!