रायगढ़ जिले को पहला “हर घर जल” जिला बनाने की तैयारी तेज़ — मिशन संचालक जितेन्द्र शुक्ला ने दिए कड़े निर्देश

रायगढ़ । जल जीवन मिशन के तहत रायगढ़ जिले को छत्तीसगढ़ का पहला “हर घर जल” जिला बनाने के लक्ष्य को लेकर मिशन संचालक श्री जितेन्द्र शुक्ला ने सोमवार को जिला कार्यालय के सृजन सभा कक्ष में विस्तारपूर्वक समीक्षा बैठक की। बैठक में कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

हर घर तक पहुंचे स्वच्छ पेयजल 31 मार्च 2026 तक लक्ष्य
श्री शुक्ला ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि जल जीवन मिशन केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि ग्रामीणों के जीवन से सीधे जुड़ी एक बुनियादी ज़रूरत की पूर्ति का संकल्प है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में जल स्रोत पहले से उपलब्ध हैं, वहां कार्यों को प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने सभी एजेंसियों को 31 मार्च 2026 तक हर घर तक नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।

एजेंसीवार समीक्षा और कड़ी चेतावनी
बैठक में समूह जल योजनाओं के अंतर्गत कलमा-कोड़ातराई, भेलवाटिकरा-संबलपुरी और तमनार क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा की गई। श्री शुक्ला ने पाइपलाइन, टैंक निर्माण, रॉ वॉटर इंटेक सहित सभी कार्यों को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी योजना में समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी, और पर्ट चार्ट प्रस्तुत न करने पर जुर्माना एवं कार्रवाई की जाएगी। भेलवाटिकरा-संबलपुरी की धीमी प्रगति पर एजेंसी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।

पूरा हो चुके कार्य पंचायतों को करें हैंडओवर
मिशन संचालक ने निर्देश दिए कि जो योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, उनका हैंडओवर संबंधित ग्राम पंचायतों को तत्काल किया जाए, ताकि ग्रामीणों को शीघ्र जलापूर्ति का लाभ मिल सके। साथ ही, हर घर जल सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को भी तेजी से पूरा करने पर जोर दिया।
सौर पंप स्थापना में तेजी लाए क्रेडा
बैठक में सोलर पंप की स्थापना की प्रगति की समीक्षा करते हुए श्री शुक्ला ने क्रेडा को लक्ष्यानुसार कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के जरिए जल आपूर्ति को टिकाऊ बनाना मिशन का प्रमुख उद्देश्य है।
वाटर रिचार्ज हेतु वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाने के निर्देश
श्री शुक्ला ने कहा कि जहां ट्यूबवेल या अन्य जल स्रोतों से जलापूर्ति की जा रही है, वहां जल स्तर बनाए रखने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आवश्यक है। उन्होंने सभी चयनित स्थलों पर वर्षा जल संचयन प्रणाली विकसित करने को कहा।
जनजातीय बहुल गांवों को प्राथमिकता से शामिल करें
विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) के गांवों की जानकारी लेते हुए श्री शुक्ला ने इन क्षेत्रों को पेयजल योजनाओं में प्राथमिकता देने को कहा। सीईओ जिला पंचायत ने बताया कि जिले के चार ब्लॉकों के 25 गांवों में PVTG परिवार निवासरत हैं, जिनके लिए योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
समन्वय से हो कार्य, ताकि ग्रामीणों को मिले लाभ
मिशन संचालक ने सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने की अपील करते हुए कहा कि योजनाओं में आ रही अड़चनों को दूर कर तत्काल समाधान सुनिश्चित करें। जल जीवन मिशन का लक्ष्य तभी सार्थक होगा जब ग्रामीणों को समय पर स्वच्छ जल मिल सकेगा।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में अतिरिक्त मिशन संचालक श्री एस.एन. पाण्डेय, अधीक्षण अभियंता श्री परीक्षित चौधरी, ईई पीएचई श्री कमल कंवर, सीएसईबी से ईई श्री नरेन्द्र नायक, सिंचाई विभाग के ईई श्री उमेश नायक, सभी जनपद सीईओ, सहायक अभियंता व एसडीओ उपस्थित थे।





