छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क जांच

1678 गर्भवती माताओं का प्रसव पूर्व किया गया जांच

दूरदराज की महिलाओं को भी मिला लाभ

बलरामपुर । जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने प्रत्येक माह की 09 व 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में गर्भवती माताओं की जांच की जाती है। इसी कड़ी में 24 मई 2025 को जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 1678 गर्भवती माताओं का प्रसव पूर्व जांच किया गया। इस अभियान के लिए जिले में व्यापक तैयारी की गई थी। जिसमें अंबिकापुर से स्त्री रोग विशेषज्ञों को बुलाया गया था।

कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा के निर्देशन व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का कार्ययोजना भी बनाया गया था, तथा उच्च जोखिम वाले गर्भवती माताओं के चिन्हांकन हेतु स्त्री रोग विशेषज्ञों व चिकित्सको की ड्यूटी भी लगायी गयी थी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह ने कहा की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान सुदूर अंचल में रहने वाली गर्भवती माताओं के लिए लाभदायक है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिंह ने कहा जिले में कुल 1678 गर्भवती माताओं का प्रसव पूर्व जांच किया गया जिसमें 368 माताओं को उच्च जोखिम गर्भावस्था की श्रेणी में पाया गया है।

उन्होंने बताया कि जिले में 114 गर्भवती माताओं का निःशुल्क सोनोग्राफी सुविधा जांच का लाभ दिलाया गया जिसमें विकासखण्ड वाड्रफनगर के बलदेव हॉस्पिटल के ‌द्वारा भी गर्भवती माताओं का सोनोग्राफी जांच कर लाभ दिया गया। उन्होंने कहा कि इस अभियान को जिला स्तर के अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा निरीक्षण भी किया गया।

डॉ. सिंह ने जांच में चिन्हांकित उच्च जोखिम वाले माताओं के उनके प्रसव व बच्चे के तीन माह होने तक माता व बच्चे दोनों का देखभाल, दोनों स्वास्थ्य रहे इस हेतु भी सभी अधिकारी/कर्मचारी को निर्देश दिए है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री स्मृति एक्का ने बताया की गर्भावस्था के चौथे से नौवै महीने के बीच गर्भवती माताओं को विशेषज्ञ चिकित्सको की निगरानी में जरुरी जांच,

परामर्श और इलाज मुहैया करना है ताकि किसी भी संभावित खतरे को पहले ही पहचाना और नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा मितानिन दीदियो का भी सहयोग रहा जिन्होंने प्रसव पूर्व जांच हेतु सूचि अनुसार गर्भवती माताओं को निर्धारित अस्पताल में पहुंचाया। सभी अस्पतालों में गर्भवती माताओं का हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, रक्त, मूत्र जांच, मलेरिया, और अन्य आवश्यक जांच किया गया।

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