छत्तीसगढ़

सूरजपुर पुलिस का साइबर फ्रॉड गिरोह पर कड़ा प्रहार, म्यूल अकाउंट गिरोह के 5 आरोपी गिरफ्तार

सूरजपुर। सूरजपुर पुलिस ने साइबर ठगी में संलिप्त म्यूल बैंक अकाउंट गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी साइबर ठगों को बैंक खाते, एटीएम कार्ड और मोबाइल सिम उपलब्ध कराते थे, जिनका उपयोग ठगी की रकम के लेन-देन के लिए किया जाता था। जांच में ऐसे दो बैंक खातों का पता चला है जिनमें ₹2,04,981 का अवैध ट्रांजेक्शन हुआ था। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों और मोबाइल नंबरों को सीज कर दिया है।

ऑपरेशन का खुलासा और कार्रवाई

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा संचालित ज्वाइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन पोर्टल पर साइबर फ्रॉड से जुड़े खातों की जानकारी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच के निर्देश दिए। इस दौरान बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (सूरजपुर शाखा) के खातों में संदिग्ध लेन-देन की पहचान हुई, जिसमें आरोपी आनंद कुमार साहू के खाते से साइबर ठगी की गई राशि का ट्रांजेक्शन हुआ था।

डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर प्रशांत कुमार ठाकुर ने साइबर फ्रॉड मामलों को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो के नेतृत्व में जांच कराई। जांच में आरोपियों के साइबर अपराध गिरोह से जुड़े होने की पुष्टि हुई, जिसके आधार पर सूरजपुर थाने में अपराध क्रमांक 150/25 के तहत धारा 413, 420, 120बी आईपीसी में मामला दर्ज किया गया।

गिरफ्तार आरोपी:

1. सौरभ साहू (29 वर्ष) – ग्राम सोनहत, हालमुकाम विश्रामपुर

2. अमन साहू (19 वर्ष) – ग्राम कटकोना, जिला कोरिया

3. आनंद कुमार साहू (22 वर्ष) – ग्राम मदनेश्वरपुर, सूरजपुर

4. विशाल कुमार साहू (22 वर्ष) – ग्राम पम्पापुर, सूरजपुर

5. सूर्या सोनवानी (19 वर्ष) – ग्राम कटकोना, जिला कोरिया

म्यूल अकाउंट कैसे करते थे काम?

पुलिस के अनुसार, साइबर ठग अपनी ठगी की रकम को सीधे अपने खातों में नहीं रखते। वे दूसरों के बैंक अकाउंट का उपयोग करते हैं और खाताधारकों को इसके बदले कुछ पैसे देते हैं। ठग इन खातों का इस्तेमाल अवैध धन को ट्रांसफर करने, डिजिटल वॉलेट में पैसा डालने और ठगी के पैसे को छुपाने के लिए करते हैं।

साइबर अपराधी लोगों को नौकरी, इनाम या निवेश का लालच देकर उनके बैंक खाते और एटीएम तक पहुंच बना लेते हैं। फिर इन खातों से अवैध लेन-देन किया जाता है। यह एक संगठित साइबर अपराध का हिस्सा है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामलों में शामिल किया जाता है।

साइबर फ्रॉड के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी

इस पूरे ऑपरेशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, सीएसपी एस.एस. पैंकरा, थाना प्रभारी विमलेश दुबे और उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। टीम में एएसआई संजय सिंह, प्रधान आरक्षक कृष्णकांत पाण्डेय, प्रदीप उपाध्यक्ष, आरक्षक रौशन सिंह, युवराज यादव, विनोद सारथी, रविराज पाण्डेय, संत पैंकरा और कामेश्वर नेताम सक्रिय रूप से शामिल रहे।

पुलिस अब इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है और अन्य म्यूल अकाउंट गिरोह के सदस्यों की तलाश जारी है।

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