छत्तीसगढ़

बोर्ड परीक्षा 1 मार्च से: छात्रों को सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा देने की सलाह

शिक्षक डॉ. पियूष चौबल बोले— भय छोड़ें, आत्मविश्वास बढ़ाएं, सफलता निश्चित

राज्यभर में 1 मार्च से बोर्ड परीक्षाओं का शुभारंभ हो रहा है, जिसे छात्रों के शैक्षणिक जीवन की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा माना जाता है। बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम न केवल छात्रों के भविष्य को दिशा देते हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी मजबूत करते हैं। इस परीक्षा को लेकर छात्र और शिक्षक पूरे वर्ष कड़ी मेहनत करते हैं, ताकि बेहतरीन प्रदर्शन किया जा सके।

परीक्षा में आत्मविश्वास और सकारात्मकता जरूरी

शिक्षक डॉ. पियूष चौबल ने छात्रों को परीक्षा के दौरान निर्भय और सकारात्मक रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा का समय छात्रों के मन में अनेक आशंकाएं और भय उत्पन्न करता है। उन्हें लगता है कि कहीं कोई गलती न हो जाए या उनकी मेहनत में कोई कमी न रह जाए। इस तरह की नकारात्मक भावनाएं छात्रों के आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकती हैं।

डॉ. चौबल के अनुसार, इस डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है सकारात्मक सोच और निरंतर अभ्यास। परीक्षा से पहले बीते हुए समय की गलतियों को याद करने की बजाय, छात्रों को विषय पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अगर किसी टॉपिक में समस्या हो, तो तुरंत अपने शिक्षकों से सलाह लें और उसे हल करने का प्रयास करें। इससे उनकी समझ बढ़ेगी और आत्मविश्वास मजबूत होगा।

शिक्षक भी निभाएं अहम भूमिका

डॉ. चौबल ने कहा कि बोर्ड परीक्षा केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षकों के लिए भी परीक्षा की घड़ी होती है। शिक्षकों को भी अपने छात्रों की सफलता को लेकर चिंता होती है। ऐसे में शिक्षकों को चाहिए कि वे स्वयं सकारात्मक रहें और विद्यार्थियों के साथ महत्वपूर्ण विषयों और प्रश्नों पर चर्चा करें। इससे न केवल छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि उनके और शिक्षकों के बीच विश्वास की भावना भी विकसित होगी, जो सफलता की ओर ले जाएगी।

बोर्ड परीक्षा दे रहे सभी छात्रों एवं शिक्षकों को सफलता के लिए शुभकामनाएंसकारात्मक सोच और निरंतर अभ्यास ही सफलता की कुंजी है।

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