
लंबी बिमारी के बाद ईलाज के दौरान संबलपुर मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में गुरुवार तड़के ली अंतिम सांस ,
संबलपुर महानदी तट स्थित राजघाट में किया गया अंतिम संस्कार
चक्रधरपुर। झारखंड के सिंहभूम जिला मनोहरपुर विधान सभा क्षेत्र के सोनुआ प्रखंड बिक्रमपुर गांव के मूल निवासी ओड़िशा के संबलपुर गंगाधर मेहेर कालेज के भूगोल के सेवानिवृत प्रोफेसर डा. रसानंद प्रधान का गुरुवार तड़के ईलाज के दौरान सबंलपुर के निजी अस्पताल मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में निधन हो गया।
वे 90 वर्ष की उम्र में उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में तड़के गुरुवार तड़के 3.40 मिनट पर अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन के समय उनके पास झारखंड के चाईबासा में रहने वाली बड़ी बेटी शिक्षिका रुनू प्रधान, उनके बड़े पुत्र रेलवे कर्मी टीटीई देवाषिश प्रधान, छोटे पुत्र डा. सुभाशिष प्रधान, मझली बेटी सुनंदा, छोटी बेटी शिक्षिका सुधा और परिजन मौजूद थे।
प्रोफेसर रसानंद प्रधान के निधन की खबर मिलते ही चाईबासा से उनके दामाद शिक्षक सुनील कुमार प्रधान संबलपुर पहुंचकर उनका अंतिम दर्शन किया। आज अपरान्ह को उनके संबलपुर निवास स्थान के एक शोभायात्रा के साथ उनका शव संबलेश्वरी मंदिर के पास महानदी तट रिंग रोड स्थित राजघाट ले जाया गया। बड़े पुत्र देवाशिष ने मुखाग्नि दी।
इसके बाद विधिविधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर संबलपुर से उनके बड़ी संख्या में मित्र शुभचिंतक , समाज सेवी, बुद्धिजीवि शामिल हुए। प्रोफेसर रसानंद प्रधान संबलपुर जीएम कालेज के भूगोल के संस्थापक प्रोफेसर थे। इसके पहले वे पुरी कालेज, कालाहांडी कालेज सहित अन्य कई कालेजों में अपनी बेहतर सेवाएं प्रदान की।
1963 में वे संबलपुर के जीएम कालेज में योगदान देकर यहीं से सेवानिवृत हुए। प्रोफेसर रसानंद प्रधान झारखंड क्षेत्र से ओड़िशा में प्रोफेसर में तौर का कार्य करने वाले पहले प्रोफेसर थे। वे अपने संबलपुर में कार्यकाल के दौरान झारखंड और ओड़िशा के नीचले तबके यथा आर्थिक रुप से कमजोर कई छात्र छात्राओं का मार्गदर्शन किया है जो आज देश और विदेश के बड़े बड़े उच्च पंदों पर आसीन हैं। प्रोफेसर रसानंद के निधन की खबर से झारखंड के उनके मूल निवास बिक्रमपुर, सोनुआ और संबलपुर में शोक की लहर है।