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निकाय चुनाव में सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने के आरोप, कांग्रेस ने की निष्पक्ष जांच की मांग

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भाजपा पर पार्षद प्रत्याशियों को धमकाने और खरीदने का आरोप

रायगढ़ – निकाय चुनाव में नाम वापसी की प्रक्रिया के दौरान सत्ता पक्ष पर पार्षद प्रत्याशियों को धमकाने और धनबल का उपयोग कर चुनाव से हटाने के आरोप लगे हैं। जिला कांग्रेस कमेटी रायगढ़ के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सत्तारूढ़ दल द्वारा साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाकर कांग्रेस प्रत्याशियों को चुनाव से हटाने का दबाव बनाया गया।

नाम वापसी के लिए जबरन दबाव, कांग्रेस ने किया विरोध

अनिल शुक्ला ने बताया कि नाम वापसी के अंतिम दिन कांग्रेस को सूचना मिली कि सत्ता पक्ष के लोग जबरन पार्षद प्रत्याशियों को निर्वाचन कार्यालय में भेजकर उन पर दबाव बना रहे हैं। जब कांग्रेस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि वार्ड क्रमांक 18 और वार्ड क्रमांक 45 के प्रत्याशियों को धमकाया और प्रलोभन देकर चुनाव से हटाया जा रहा था। इस दौरान विरोध करने पर झड़प भी हुई।

लोकतंत्र की हत्या, कांग्रेस करेगी आंतरिक जांच

अनिल शुक्ला ने कहा, “भाजपा सोशल मीडिया में इसे लेकर दुष्प्रचार कर रही है, जिससे स्पष्ट होता है कि यह सत्ता पक्ष की साजिश थी।” उन्होंने बताया कि कांग्रेस इस मामले की आंतरिक जांच करेगी और यदि सत्ता पक्ष के दबाव के प्रमाण मिले तो निर्वाचन आयोग से शिकायत की जाएगी।

निर्विरोध निर्वाचन का विरोध, प्रत्याशियों को मिले सुरक्षा

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि किसी भी प्रत्याशी को निर्विरोध विजेता घोषित न किया जाए और मतदाताओं को “नोटा” का विकल्प चुनने का अधिकार मिले। साथ ही, भयमुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।

“सत्ता पक्ष लोकतंत्र का सम्मान करे” – कांग्रेस

अनिल शुक्ला ने कहा कि सत्ता पक्ष को लोकतंत्र की मूल भावना को बनाए रखना चाहिए, न कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए अनैतिक हथकंडे अपनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस निष्पक्ष चुनाव के लिए संघर्ष जारी रखेगी और सत्ता पक्ष के इन कृत्यों का डटकर विरोध करेगी।

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