
राजिम। आस्था और विश्वास के महापर्व मकर संक्रांति का उत्सव छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम में श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद हजारों श्रद्धालु तड़के सुबह साढ़े 3-4 बजे से ही त्रिवेणी संगम में स्नान और दान-पुण्य कर रहे हैं।
संगम में शिवलिंग निर्माण और दीपदान
संगम स्नान के बाद भक्तों ने बालू से शिवलिंग का निर्माण कर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और संगम में दीप प्रज्वलित कर धर्म लाभ अर्जित किया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने श्री राजीव लोचन मंदिर और कुलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
19 साल बाद बना दुर्लभ योग
इस वर्ष माघ माह की प्रतिपदा तिथि में मंगलवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। 19 साल बाद इस पर्व पर भौम पुष्प का दुर्लभ संयोग बना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन सबसे पहले पुनर्वसु नक्षत्र, फिर पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जो इसे और भी खास बना देता है।
छत्तीसगढ़ का प्रयाग: राजिम का त्रिवेणी संगम
राजधानी रायपुर से 45 किलोमीटर दूर गरियाबंद जिले में स्थित राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। यहां महानदी, पैरी और सोंधुर नदियों का संगम होता है। संगम के मध्य स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर को माता सीता द्वारा वनवास काल में स्थापित करने की मान्यता है।
कल्प कुंभ का शुभारंभ, महाशिवरात्रि तक चलेगा आयोजन
राजिम में 12 फरवरी से कल्प कुंभ का शुभारंभ हो चुका है, जो महाशिवरात्रि तक चलेगा। जो भक्त महाकुंभ में शामिल नहीं हो सके, वे राजिम कल्प कुंभ में कल्पवास कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।
त्रिवेणी संगम पर भक्तों की आस्था और आध्यात्मिक उल्लास का यह संगम पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है।