
सुकमा। दक्षिण बस्तर डिवीजन और पीएलजीए बटालियन क्रमांक-01 के आईईडी एक्सपर्ट कोरसा महेश सहित तीन हार्डकोर माओवादी सुरक्षा बलों के साथ पालीगुड़ा-गुंडराजगुड़ेम क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारे गए।
मुठभेड़ में ढेर माओवादियों की शिनाख्त
मारे गए माओवादियों में शामिल हैं—
कोरसा महेश: डिप्टी कमांडर, पीपीसीएम प्लाटून नंबर 30 (पूर्व में PLGA बटालियन नंबर 01 का सदस्य), निवासी पश्चिम बस्तर, बीजापुर। इनामी ₹8 लाख
माडवी नवीन उर्फ कोसा: एसीएम, निवासी पश्चिम बस्तर, बीजापुर। इनामी ₹5 लाख
अवलम भीमा: एसीएम, निवासी जोनागुड़ा, थाना जगरगुंडा, जिला सुकमा। इनामी ₹5 लाख
कुल ₹18 लाख के इनामी माओवादी मारे गए।
बरामद हथियार और विस्फोटक सामग्री
02 बीजीएल लॉन्चर
01 नग 12 बोर बंदूक
03 टिफिन बम
05 बीजीएल सेल
भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, नक्सल साहित्य और दैनिक उपयोगी सामान
कैसे हुई मुठभेड़?
08 जनवरी 2025 को सुकमा पुलिस, डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा बटालियन (203, 204, 206, 208) और सीआरपीएफ (241, 131) की संयुक्त टीम को पालीगुड़ा-गुंडराजगुड़ेम क्षेत्र में शीर्ष माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली।
09 जनवरी 2025 की सुबह 08:00 बजे सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच जंगल-पहाड़ी क्षेत्र में मुठभेड़ शुरू हुई, जो कई घंटों तक रुक-रुक कर चलती रही।
मुठभेड़ समाप्त होने के बाद तलाशी अभियान में तीन हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद हुए।
कोरसा महेश: कई बड़ी नक्सली घटनाओं का मास्टरमाइंड
मारे गए आईईडी एक्सपर्ट कोरसा महेश पर 2023 और 2024 में कई बड़े नक्सली हमलों को अंजाम देने का आरोप था—
17 दिसंबर 2023: जगरगुंडा थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ सब-इंस्पेक्टर सुधाकर रेड्डी की हत्या।
23 जून 2024: सिलगेर-टेकलगुड़ेम के पास सीआरपीएफ के ट्रक को आईईडी ब्लास्ट से उड़ाया, दो जवान शहीद।
03 नवंबर 2024: जगरगुंडा साप्ताहिक बाजार में दो पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला कर हथियार लूटे।
28 दिसंबर 2024: गोरगुंडा-पोलमपल्ली इलाके में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी प्लांट किया।
बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि 2024 में सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियानों में बढ़त बनाई थी, जिसे 2025 में भी जारी रखा जाएगा।
पिछले 6 दिनों में 8 हार्डकोर नक्सली ढेर किए गए हैं।
सुरक्षा बल माओवादियों की साजिशों के बावजूद पूरी ताकत और मनोबल के साथ बस्तर में शांति, सुरक्षा और विकास के लिए अभियान जारी रखेंगे।
यह ऑपरेशन बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की एक और बड़ी सफलता मानी जा रही है।