
बिलासपुर: कुख्यात बदमाश रंजन गर्ग का अवैध फार्महाउस प्रशासन ने किया ध्वस्त, सरकारी जमीन पर था कब्जा
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में कुख्यात बदमाश रंजन गर्ग द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे और फार्महाउस निर्माण का मामला प्रकाश में आया है। मस्तूरी नेशनल हाईवे के पास ग्राम पंचायत ढेका में करीब एक एकड़ की बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए फार्महाउस को शुक्रवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की तैयारी पूरी कर ली।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा
रंजन गर्ग ने अरपा नदी के किनारे स्थित एक एकड़ सरकारी भूमि पर कब्जा कर फार्महाउस बनाया था।
- फार्महाउस का उपयोग: आरोप है कि इस फार्महाउस में रंजन के गुर्गे रहते हैं और यहां शराब, अवैध हथियारों का कारोबार, जुआ और सट्टा जैसी गैरकानूनी गतिविधियां संचालित होती हैं।
- स्थानीय लोगों में दहशत: रंजन और उसके गुर्गों के डर से लोग पुलिस के पास शिकायत करने से भी डरते थे।
कलेक्टर की कार्रवाई
स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया।
- टीम का गठन: एसडीएम पीयूष तिवारी के नेतृत्व में राजस्व और पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाई गई।
- बुलडोजर कार्रवाई: सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने बुलडोजर चलाने का निर्णय लिया।
रंजन गर्ग का आपराधिक इतिहास
रंजन गर्ग का नाम बिलासपुर और आसपास के इलाकों में कुख्यात बदमाशों में शामिल है।
- हत्या का मामला: उसने लालखदान क्षेत्र में रविकांत राय की हत्या की थी, जिसके लिए वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
- जमानत पर रिहाई: सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर आया और पुनः आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो गया।
- आरक्षक पर हमला: दीपावली के दौरान उसने एक आरक्षक रवि शर्मा पर पिस्टल तानी थी। इस घटना के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
एनकाउंटर में भतीजे की मौत
रंजन गर्ग के भतीजे चुन्नू गर्ग का पुलिस ने कोरबा में एनकाउंटर किया था।
- चुन्नू का अपराध: चुन्नू ने एक आरक्षक की हत्या कर दी थी।
- गर्ग परिवार का वर्चस्व: लालखदान में गर्ग परिवार की वर्चस्व की लड़ाई लंबे समय से जारी है।
प्रशासन की सख्ती
कलेक्टर अवनीश शरण के नेतृत्व में प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए रंजन गर्ग के अवैध कब्जे को ध्वस्त करने की कार्रवाई की।
- भविष्य की रोकथाम: प्रशासन ने ऐसे किसी भी अन्य अतिक्रमण पर सख्ती से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
निष्कर्ष
रंजन गर्ग का आतंक एक बार फिर प्रशासन की सख्ती के कारण कमजोर पड़ा है। सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर स्थानीय लोगों को राहत प्रदान की गई है। यह कार्रवाई एक संदेश है कि कानून और प्रशासन के सामने अपराधियों की दादागीरी नहीं चलेगी।