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शहर की यातायात व्यवस्था चरमराई, नियमों का नहीं हो रहा पालन, आखिर किसके संरक्षण में घुस रही बड़ी वाहन, घटना का शिकार हो सकते यहां के बच्चे, पढ़े पूरी खबर..

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रायगढ़ की यातायात व्यवस्था एक बार फिर चरमरा गई है। शहर में ही कई लोग यातायात के नियमों का उल्लंघन करते दिखाई दे रहे हैं। हाल यह है कि बाजारों में…

रायगढ़@खबर सार :- रायगढ़ की यातायात व्यवस्था एक बार फिर चरमरा गई है। शहर में ही कई लोग यातायात के नियमों का उल्लंघन करते दिखाई दे रहे हैं। हाल यह है कि बाजारों में बाइक में चार चार सवारियां चल रही हैं तथा कई किशोर नगर में दोपहिया व चार पहिया वाहन दौड़ा रहे हैं।

  शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस द्वारा समय समय पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है तथा कई वाहन सीज करने के साथ ही चालानी कार्रवाई की जाती है इसके बाद भी यातायात के नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है। हाल यह है कि आउटर में ही कानून के नियमों को ाध्ता बताते हुए कई वाहन चालक चलाते देखे जा सकते हैं। शहर में नो एंट्री के वक्त भी बड़ी वाहन शहर के अंडर घुसती है वह भी उस जगह से जहां लगती होती है पुलिस ड्यूटी। पुलिस की इस पर नजर महज पड़ी। वहीं कई किशोर भी अब फिर से दोपहिया वाहन चलाते नजर आ रहे हैं जिस तरीके से किशोरों द्वारा दोपहिया वाहन चलाया जा रहा है उससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। क्षेत्रीय जनता ने किशोरों के दोपहिया वाहन चलाने पर रोक लगाने व यातायात सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग भी की है परंतु कार्यवाही शून्य। शालनी के पास स्कूल जाने के वक्त तेजी से चलती मालवाहक गाड़ियों पर भी नही होती कार्यवाही आखिर किसके संरक्षण में घुसती हैं यह गाड़िया चक्रधर नगर चौक, बोईदादर चौक, रामनिवास टॉकीज मार्ग एवं अन्य शहर के ऐसे जगह है जहां बे खौफ घुसती है गाड़िया।

देखा जाए तो आखिर जब से बदली है सरकार तब से शहर में गाड़ियों में लॉक की कार्यवाही पर लग चुका है रोक। शहर में हर तरफ लगा रहता है जाम, जिसका कारण है नो पार्किंग, एस.पी ऑफिस के पास, सुभाष चौक, स्टेशन रोड, गद्दी चौक, पुराना शनि मंदिर एवं शहर के काई ऐसे स्थल है जहां बे खौफ खड़े होती है गाड़िया और यह भी देख गया है नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों के बगल ने निकलती है पेट्रोलिंग गाड़िया परंतु कार्यवाही महज करती, कई बार तो यह भी देख गया है जब तक गाड़ी नहीं हटती तब तक खड़े रहती है पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़िया पर कार्यवाही आखिर किसके दबाव में नहीं होती।

कार्यवाही तो दूरी की बात है यहां तो सिग्नल का भी पालन नहीं होता, कई बार देखा गया है यातायात के जवान सिग्नल पर होती ही नहीं है। जिसके चलते पूरी व्यस्त चरमराई हुई है। आखिर चालान ऑनलाइन होने के बावजूद भी किसके दबाव में है यातायात..?

देखा जाए तो पुराने पुलिस कर्मी के फेरबदल के बाद व्यस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है, जिस हिसाब से व्यस्था पूर्व में ठीक ठाक थी परंतु अभी की बात करे तो बे खौफ घुस रही नो एंट्री में गाड़िया और नहीं हो रही सही से पुलिसिंग (यातायात में फेर बदल होना जरूरी है नहीं तो इसी तरह होता रहेगा नियमों का उल्लंघन)।

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