
सरकार ने 94 साल बाद पहली बार आजाद भारत में जातिगत जनगणना करने का फैसला लिया है इसका ओबीसी महासभा (छ.ग.) ने स्वागत किया है। GPM छत्तीसगढ़ ओबीसी महासभा के युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष दीपेंद्र यादव ने कहा कि इससे सामाजिक न्याय और समावेशी विकास का रास्ता खुलेगा समता मूलक समाज की स्थापना होगी !
उन्होंने बताया कि संविधान में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में तीन वर्गों में बाटा गया है! अनुसूचित जाति और जनजाति की जनगणना हर 10 साल में होती हैं! लेकिन ओबीसी की जातिगत जनगणना 1931 के बाद नही हुई! अब पहली बार केंद्र सरकार ओबीसी की जातिगत जनगणना कराएगी!