
माल वाहक गाड़ियों में सवारियों को ढोते पहले भी हो चुकी है कई बड़ी दुर्घटनाए…
रायगढ़ :- मालवाहक वाहनों में सवारी ढोने पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद कई मालवाहक वाहन चालकों द्वारा सवारी ढोया जा रहा है। यातायात पुलिस एवं आर.टी.ओ. द्वारा ऐसे वाहन चालकों पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे इनके हौसले बुलंद हैं। वहीं आम लोग भी पैसे बचाने व साधन के अभाव में ऐसी जोखिम भरी यात्रा कर रहे हैं।
मालवाहक वाहन खासकर पिकअप व छोटा हाथी में सवारियों को ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है। वाहन चालकों द्वारा बरती जा रही लापरवाही से कभी भी गंभीर दुर्घटना घटित हो सकती है। जबकि मार्ग में पुलिस के जवान तैनात थे लेकिन वाहन को नहीं रोका गया। इससे ऐसे वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं।
अंजान हैं या जानबूझकर
वहीं ग्रामीणों द्वारा जान-बूझकर व मजबूरी में अपनी जान को जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन के लिए यात्री बसों, ऑटो व अन्य सवारी वाहनों की कमी रहती है। जिसके कारण लोग मालवाहक वाहनों में ही बैठकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं।
बारात में ऐसे वाहनों का अधिक उपयोग
ग्रामीण इलाकों में वैवाहिक सीजन में बारातियों को ले जाने बस व अन्य सवारी वाहनों की बुकिंग करने में असमर्थ ग्रामीण ट्रैक्टर, पिकअप जैसे मालवाहक वाहनों की बुकिंग करते हैं। इसमें पुरुष, महिला व बच्चे सभी सवार होकर विवाह में शामिल होते हैं। ऐसे वाहनों में सवारियों को ठूंस-ठूंस कर भरे जाने से कई बार चालक का नियंत्रण वाहन से हट जाता है और दुर्घटना घटित हो जाती है। इसके बावजूद न तो ग्रामीण और न ही वाहन मालिक व चालक कोई सीख लेते हैं। यातायात पुलिस द्वारा भी ऐसे वाहनों चालकों पर कार्रवाई नहीं किये जाने से यह प्रक्रिया निरंतर जारी है।