छत्तीसगढ़

अतिक्रमण हटाने तहसीलदार नहीं आए.. ट्रैक्टर से दफ्तर पहुंचे ग्रामीण: बलौदाबाजार के तहसील कार्यालय में हंगामा, सरकारी जमीन पर खेती और मकान का विरोध

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ट्रैक्टरों से तहलीस ऑफिस जाते ग्रामीण।

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के केसला गांव में तहसीलदार कार्यालय में ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर भड़के ग्रामीणों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब तहसीलदार ने निर्धारित समय पर पहुंचकर अतिक्रमण हटवाने की कार्रवाई नहीं की।

लंबे समय से ग्राम केसला के मुक्तिधाम, खेल मैदान,चारा गाह,तालाब और शीतला मंदिर परिसर में 57लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं। पलारी तहसीलदार हीरालाल कंवर बुधवार को सुबह 10 बजे फिर 1बजे पहुंचने का आश्वासन दिया था। जिसके चलते ग्रामीण गांव में काम बंद कर 2 जेसीबी मशीन किराए में लेकर दिन भर तहसीलदार का इंतजार करते रहे।

ग्रामीणों ने तहलील कार्यालय पहुंचकर किया हंगामा।

ग्रामीणों ने तहलील कार्यालय पहुंचकर किया हंगामा।

तहसील कार्यालय पहुंचकर किया हंगामा

तहसीलदार के नहीं पहुंचने पर नाराज ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया। ग्रामीण 3 ट्रैक्टर और दर्जनों बाइकों के साथ तहसील कार्यालय पहुंचे और प्रशासन के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया।

जब ग्रामीणों ने तहसीलदार से मिलना चाहा तो पता चला कि वे कार्यालय में नहीं हैं। गुस्से में ग्रामीणों ने तहसीलदार के चेंबर का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया, जिसके बाद वहां मौजूद ऑपरेटर ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।

तहसील कार्यालय पहुंचे ग्रामीण।

तहसील कार्यालय पहुंचे ग्रामीण।

ऑपरेटर को चेंबर का दरवाजा खोलना पड़ा

ऑपरेटर को चेंबर में देख ग्रामीणों ने समझा कि तहसीलदार अंदर ही छुपे हैं और और भी उग्र हो गए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि ऑपरेटर को चेंबर का दरवाजा खोलना पड़ा, तब जाकर ग्रामीणों को शांत किया जा सका।

इधर तहसीलदार को पता चला कि ग्रामीणों की भीड़ आ रही है तो पहले ही थाने चले गए। हालांकि बाद में लौट आए। वहीं तहसील परिसर में ग्रामीणों द्वारा हंगामा किए जाने की खबर के बाद पुलिस बल पहुंचा। तहसील परिसर पहुंचकर लोगों को शांत कराया और फिर उन्हें 18 तारीख को कब्जा हटवाने की आश्वासन के बाद पुलिस और तहसीलदार ग्रामीणों के साथ केसला गांव लौटे।

तहसीलदार ने दिया 18 नवंबर तक का आश्वासन

ग्रामीणों की लगातार मांग के बावजूद प्रशासन की धीमी कार्रवाई और समय पर जवाबदेही न होने से ग्रामीणों में रोष पनप रहा है। तहसीलदार ने आश्वासन दिया है कि 18 नवंबर को अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया जाएगा।

सरकारी जमीन पर बनी खेती-बाड़ी और मकान

ग्राम केसला के निवासियों का कहना है कि गांव के सार्वजनिक स्थल, खेल मैदान, चारा गाह, तालाब और शीतला मंदिर परिसर में वर्षों से अवैध कब्जे हो रखे हैं। इन कब्जों ने ग्रामीणों के धार्मिक और सामाजिक स्थानों पर भी कब्जा जमा लिया है, जिससे गांव के विकास कार्य ठप पड़े हैं।

स्थानीय निवासियों ने कई बार इस मामले को लेकर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस थाने में आवेदन दिए, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

ग्रामीणों को हुई समझने में गलती- तहसीलदार

इस संबध में तहसीलदार हीरालाल कंवर ने कहा कि उन्होंने बुधवार का समय नहीं दिया था, ग्रामीणों को समझने में गलती हो गई। गांव में अतिक्रमण हटाना है तो बहुत ज्यादा पुलिस बल के लगेगा, जिसकी मांग की जा रही है।

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