छत्तीसगढ़

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में एफटीएससी कोर्ट ने आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास के साथ अर्थदण्ड 

Advertisement

पीड़िता को 5 लाख क्षतिपूर्ति की अनुशंसा

घरघोड़ा। विशेष न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) घरघोड़ा श्रीमान शहाबुद्दीन कुरैशी ने नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के जघन्य मामले में कठोर निर्णय सुनाते हुए आरोपी यशवंत तिवारी को आजीवन कारावास एवं विभिन्न धाराओं के तहत कुल 15,500 रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आजीवन कारावास का अर्थ आरोपी की शेष जीवन अवधि, अर्थात अंतिम सांस तक की सजा है।

घटना 22 जून 2020 की है। आरक्षी केन्द्र धरमजयगढ़ के अपराध क्रमांक 95/2020 के अनुसार पीड़िता के पिता ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी यशवंत तिवारी उनके घर आया और 8 वर्षीय बालिका को अंडा खिलाने का लालच देकर अपने साथ ले गया। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए बच्ची को आरोपी से बरामद किया। पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि आरोपी उसे मोटरसाइकिल से दूर सुनसान स्थान पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।

बच्ची के बयान के आधार पर आरोपी के विरुद्ध धारा 376(AB) भारतीय दण्ड संहिता, पॉक्सो एक्ट की धारा 6, एवं अन्य लागू धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सभी साक्ष्यों, पीड़िता के कथनों, चिकित्सीय रिपोर्टों एवं दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए आरोपी को दोषी पाया।

न्यायालय ने आरोपी को धारा 363 आईपीसी धारा 376 क एवं ख आईपीसी पॉक्सो एक्ट की धारा 4 व 6 अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(5) के अपराध में दोष सिद्ध मानते हुए आजीवन कारावास की कठोर सजा सुनाई। साथ ही विभिन्न धाराओं में कुल 15,500 रुपये अर्थदण्ड भी लगाया गया। न्यायालय ने पीड़िता के परिवार को 5,00,000 रुपये मुआवजा राशि दिलाए जाने की अनुशंसा भी की है, ताकि बच्ची के पुनर्वास और चिकित्सा सहायता में मदद मिल सके। मामले में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजक श्रीमती अर्चना मिश्रा ने प्रभावी रूप से किया।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button