
गुरुवार को रेलवे मुख्य चिकित्साधीक्षक और किम्स प्रबंधन के बीच हुआ समझौता
चक्रधरपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेलवे मंडल चिकित्साधीक्षक और कलिंग इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साईंस(किम्स) प्रबंधन के बीच टाईअप हो गया है। रेल संदन में 28 सितंबर 2024 को रेलवे और किम्स के बीच अनुबंध पर मूहर लगने के बाद 3 अक्टूबर को दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेल मंडल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. सुब्रत कुमार मिश्र और किम्स प्रबंधन के बीच समौझता पत्र पर हस्ताक्षर प्रक्रिया सपन्न किया गया। अब दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल के कर्मचारी भुवनेश्वर के पाटिया, कुशभद्रा कैंपस स्थित कलिंग इस्टीच्यूट आफ मेडिकल साईंस(किम्स) में अपना स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकेंगे।
गौरतलब है कि रेलवे कर्मचारियों की ओर से लंबे समय से चक्रधरपुर रेल मंडल के कर्मचारियों को भुवनेश्वर स्थित किसी बड़े निजी अस्पताल में ईलाज का अनुबंध करने की मांग होती आ रही थी। इस संबंध में रेलवे कर्मचारी यूनियनों के द्वारा कई बार डिविजनल पीएनएम में इस मुद्दे को रखी गई थी। इस मुद्दे को पीएनएम से स्वीकृति मिलने के बाद वरीय मंडल वित प्रबंधक हेमंत मधुर की अगुवाई में डा. शान्तनु सिंह और मेंस कांग्रेस बंडामुंडा के शाखा सचिव डीएस राव भुवनेश्वर के निजी अस्पताल किम्स का सर्वे कर अपना रिपोर्ट मंंडल रेल प्रबंधक को सौंपा गया था। मंडल रेल प्रबंधक ए जे राठौर ने इसकी स्वीकृति प्रदान की।
इस सबंध में चक्रधरपुर रेलवे मंडल मुख्य चिकि त्साधीक्षक सुब्रत कुमार मिश्र ने कहा कि राउरकेला, झारसुगुड़ा, बंडामुंडा, डांगुआपोशी इत्यादि स्टेशनों में कार्यरत रेलवे कर्मचारियों को उनके समीपस्थ शहर भुवनेश्वर में ईलाज की सुविधा प्रदान कराने के लिए चक्रधरपुर मंडल प्रबंधन और रेलवे चिकित्सा विभाग की ओर से एक डेढ़ साल से प्रयास किया जा रहा था।
काफी प्रयास के बाद किम्स के साथ ईलाज को लेकर समझौता हुआ। मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक शशि मिश्रा ने चक्रधरपुर के मंडल रेल प्रबंधक ए जे राठौर और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा सुब्रतकुमार मिश्र के निरंतर प्रयास की सराहना करते हुए धन्यवाद अर्पित किया। गौरतलब है चक्रधरपुर रेल मंडल के राउरकेला,बंडामुंडा और झारसुगुड़ा में काम करने वाले रेल कर्मचारी एवं उनके परिवार वर्ग को जमशेदपुर के ब्रह्मानंद तथा टेलको अस्पताल में ईलाज के लिए पहुंचने में काफी दिक्कत होती थी। अब किम्स के साथ अनुबंध होने से रेलकर्मचारियों में हर्ष का महौल है।