छत्तीसगढ़

हर शाला में शिक्षक और हर बच्चे को शिक्षा अंतर्गत गढ़ा जा रहा बच्चों को बेहतर भविष्य

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युक्तियुक्तकरण से प्राथमिक शाला यादवपारा में बच्चों को मिले शिक्षक

एकल शिक्षकीय विद्यालय से अब विषयवार पढ़ाई की ओर हुआ बदलाव

विषयवार शिक्षा, खेल-खेल में सीखने की रोचक गतिविधियों से पढ़ाई बनी सहज

मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच से शिक्षा में हो रहा सुधार

बलरामपुर, 24 सितम्बर 2025/ शिक्षा वह आधार है जिस पर समाज और राष्ट्र की मजबूत नींव रखी जाती है। राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार अनेक प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों की कड़ी में युक्तियुक्तकरण ग्रामीण अंचलों के विद्यालयों में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आया है। जिसका जीवंत उदाहरण प्राथमिक शाला यादवापारा में देखने को मिलता है जहा बच्चों को बेहतर शिक्षा, विषयवार पढ़ाई और व्यक्तिगत ध्यान मिल रहा है।



एकल शिक्षकीय विद्यालय से शुरू हुई कहानी
विकासखंड बलरामपुर अंतर्गत आने वाला प्राथमिक शाला यादवपारा वर्ष 2022 से प्राथमिक शाला यादवपारा एकल शिक्षकीय संस्था के रूप में संचालित थी। विद्यालय में 1 से 5वीं तक की कक्षाओं को केवल एक शिक्षक ही संभाल रहे थे। इससे बच्चों को विषयवार और स्तर अनुसार पढ़ाई कराने में कठिनाई आती थी। शिक्षण की यह स्थिति न तो बच्चों के लिए अनुकूल थी और न ही शिक्षक के लिए। स्थानीय अभिभावकों ने भी चिंता व्यक्त थी कि बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। इसी बीच राज्य सरकार ने हर शाला में शिक्षक, हर बच्चे को शिक्षा की नीति के साथ युक्तियुक्तकरण की शुरुआत की। इसी पहल के तहत वर्ष 2025 में यादवपारा विद्यालय में 1 सहायक शिक्षिका की पदस्थापना की गई।

जहाँ पहले पढ़ाते थे एक ही शिक्षक, अब विषयवार पढ़ाई से बच्चों को मिल रहा लाभ
सहायक शिक्षिका श्रीमती आनंदी पल्हे बताती है कि वे पहले से अब शिक्षा स्तर में सुधार हो रहा है। अब बच्चों को विषयवार पढ़ाई, नियमित गृहकार्य और समूह आधारित गतिविधियों के जरिए शिक्षा दी जा रही है। बच्चों को रोचक तरीके से पढ़ाया जा रहा है ताकि शिक्षा के प्रति रुचि बढ़े। उनका कहना है ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के सीखने की क्षमता बहुत तेज़ होती है, बस उन्हें सही दिशा और नियमित अभ्यास की ज़रूरत होती है।

वे कहती हैं कि मेरा लक्ष्य है कि हर बच्चा अपनी कक्षा के अनुरूप स्तर हासिल करे और पढ़ाई को बोझ नहीं बल्कि आनंद समझे। श्रीमती पल्हे की पदस्थापना के बाद बच्चों में पढ़ाई को लेकर उत्साह है। अब वे नियमित समय पर विद्यालय पहुँचते हैं, गृहकार्य करने लगे हैं और खेलकूद के साथ-साथ कहानियों, पहेलियों और चित्रों के जरिए नई बातें सीख रहे हैं। स्थानीय अभिभावक भी इस बदलाव से खुश हैं कि पहले एक ही शिक्षक सभी बच्चों को पढ़ाते थे। छोटे बच्चों को कुछ समझ ही नहीं आता था और बड़े बच्चे भी पीछे रह जाते थे। अब युक्तियुक्तकरण से पढ़ाई आसान और समझने योग्य हो गई है। बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की नीति के अनुरूप जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए युक्तियुक्तकरण पहल से शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। अब बच्चों पर शिक्षक व्यक्तिगत ध्यान, गृहकार्य की नियमित समीक्षा कर रहे हैं और खेल आधारित रोचक तरीके से शिक्षण की सुविधा मिल रही है। इससे उनका समग्र विकास संभव हो रहा है।

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