छत्तीसगढ़

“सांसें हो रही कम, आओ पेड़ लगाए हम” , रक्षाबंधन पर अनोखी पहल: पर्यावरण प्रेमी ने कबाड़ से बनाई विशाल और आकर्षक राखी, पेड़ों को बांधकर दिया संरक्षण का संदेश

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बालोद। “सांसें हो रही कम, आओ पेड़ लगाए हम” थीम पर जिले के पर्यावरण प्रेमी भोज साहू ने एक अनोखी पहल की है. रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के अवसर पर जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. वहीं भोज साहू ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए कबाड़ से जुगाड़ कर एक विशाल राखी तैयार की है. इस राखी में पेड़ लगाने के लिए स्लोगन लिख, पेड़ों में राखी बांध पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं.

भाई-बहन के बीच प्यार का अटूट बंधन, रक्षाबंधन पर बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध रही हैं. वहीं बालोद जिला के देवरी (द) के रहने वाले पर्यावरण प्रेमी भोज साहू ने कबाड़ से जुगाड़ कर साइकिल के रिंग स्पोक और पुराने कपड़े से 5 फीट लंबा और चौड़ी राखी तैयार की है, जो तिरंगे की कलर के थीम पर बना हुआ है. राखी में पर्यावरण संरक्षण का संदेश लिखकर सड़क किनारे पेड़ों में बांधा गया है, जो राहगीरों का ध्यान आकर्षित कर उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहा है.

भोज साहू, पर्यावरण प्रेमी

इस तरह राखी लगाने के बारे में भोज साहू पर्यावरण प्रेमी का कहना है जिस तरह बहन अपने भाई के हाथों में राखी बांधते हैं. फिर भाई बहन की रक्षा करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं वैसे ही हमें अपने पेड़ पौधे पर राखी बांंधकर रक्षा करने की आवश्यकता है. आज बढ़ते हुए जनसंख्या और घटती है जंगल बहुत बड़ी समास्या बन रहा है. जंगल कटने से वन्य जीव-जंतु मुसीबत में हैं.ऐसे में पेड़ पौधे लगाकर रक्षा करने के लिए संकल्पित होने की आवश्यकता है. यह संदेश देते हुए वे सड़क किनारे नीम के पेड़ पर बड़ी राखी बांधकर, पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं.

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