छत्तीसगढ़

पानी के लिए संघर्ष – संकट में एक तरफ ग्रामीण तो दूसरी तरफ हजारों की बेरोजगारी का डर, बिना पानी के जीवन कष्टमय नजर आ रहा है

राजगांगपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित मंगलवार कुतरा तहसील कार्यालय में एक तरफ सैकड़ों ग्रामीण फैक्ट्री को जलापूर्ति के विरोध में प्रदर्शन करते नजर आए तो दूसरी तरफ सैकड़ों ग्रामीण कंपनी के समर्थन में दिखे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जामपाली स्थित ओआईएसएल स्पंज को कुतरा प्रखंड के झारबेड़ा पंचायत के गोमारडीह टिस्को माइंस से पिछले तीन माह से पाइप लाइन से जलापूर्ति हो रही है, जो कंपनी बंद होने के पहले से ही आ रही थी। गांव वालों ने इसका विरोध किया है

तहसीलदार की उपस्थिति में जब संबंधित पक्ष से समीक्षा की गई, कंपनी पक्ष के कथनानुसार हमारे पास सभी सरकारी दस्तावेज हैं, सरकारी नियमानुसार हमने पानी की पाइप लाइन जोड़ दी है, अतः कृपया हमें कंपनी चलाने के लिए पानी लेने दें।

इसी तरह, भले ही सभी ग्रामीणों द्वारा अनुमति नहीं दी गई थी, फिर भी आप ग्रामीणों की अनुमति के बिना पानी कैसे ले सकते हैं? 3-3 घंटे की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने फैक्ट्री को पानी नहीं दिया। तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने 21 अप्रैल तक का समय दिया है।

इससे पहले फैक्ट्री 4 साल तक बंद रही थी। आसपास के निकट का क्षेत्र बेरोजगारी से ग्रस्त था। कोराना काल में विधायक राजन एक्का की सरकार ने स्थानीय लोगों की समस्याओं का ध्यान रखा था। तत्कालीन सरकार ने स्थानीय निवासियों के रोजगार का ध्यान रखा। बेरोजगारी के कारण भविष्य में क्षेत्र में चोरियां बढ़ेंगी। एक ओर ग्रामीण कल के जल संकट की आशंका से पानी बचाने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी ओर उन्हें रोजगार की चिंता भी सता रही है।

इससे पहले शनिवार 5 अप्रैल को बंद पड़े टिस्को चूना पत्थर खदान से जामपाली स्थित ओआईएसएल प्लांट को जलापूर्ति के संबंध में झारबेड़ा पंचायत परिसर में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस बैठक में उपस्थित पंचायत निवासी फैक्ट्री को पानी की आपूर्ति का पूरी तरह से विरोध कर रहे थे। ओसीएल लौह एवं इस्पात संयंत्र राजगांगपुर प्रखंड के अंतर्गत कंपाली में स्थित है।

फैक्ट्री में आने वाला पानी कुतरा प्रखंड के झारबेड़ा पंचायत के गोमारडीह टिस्को खदान से आता है, जो लंबे समय से बंद है, क्योंकि फैक्ट्री के अधिकारी पिछले तीन महीने से पाइप के माध्यम से पंप से पानी फैक्ट्री तक ले जा रहे हैं।पर पंचायत के लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

इस संबंध में पंचायत वासी की राय जानने के लिए
सरपंच जोजो ने शनिवार 5 तारीख को एक विशेष ग्राम बैठक आयोजित की। इस बैठक में पंचायत निवासियों ने जल संरक्षण और जल ही जीवन है का नारा बुलंद कर खदानों से फैक्ट्री को पानी की आपूर्ति का विरोध किया। उन्होंने कहा कि रिट्रीट के दौरान जल स्तर नीचे चला जाएगा और नलकूप कुओं तथा क्षेत्र के सभी जलाशयों में पानी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी।

दूसरी ओर, उन्होंने शिकायत की कि फैक्ट्री अधिकारी ग्राम सभा और पंचायत की अनुमति के बिना पिछले तीन महीनों से यहां से पानी ले रहे हैं और उन्होंने तुरंत पानी की आपूर्ति रोकने की मांग की।

ग्राम सभा में जिला पार्षद गंगाराम मिंज, समिति सदस्य मदीम काओबा, नोडल अधिकारी कनीय अभियंता रोशन लुगुन तथा पंचायत के विभिन्न वार्ड सदस्य उपस्थित थे।और इस संबंध में सरपंच तहसीलदार श्री बास्के ने एक शिकायत पत्र सरपंच तहसीलदार प्रमोद कुमार बास्के को दिया। तहसीलदार ने शिकायत पत्र प्राप्त किया और मंगलवार, 15 अप्रैल को दोनों पक्षों से चर्चा करके इसका समाधान करने का आश्वासन दिया। 15 तारीख की मीटिंग में कंपनी के मालिक श्री सिंघल हमारे नियमों के अनुसार ही पानी चला रहे हैं। तहसीलदार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘आपने कहा था कि एक बार फिर सभी गांव वाले सरपंच जिला परिषद में चर्चा करेंगे और दिनांक 21 अप्रैल को निर्णय लिया जाएगा।

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