छत्तीसगढ़

सीएम जतन योजना में सरगुजा आयुक्त से कलेक्टर कार्यालय में आया जांच के लिए पत्र

शिक्षा समिति ने बीईओ बीआरसी पर लगाए थे गंभीर आरोप

जनपद के शिक्षा समिति के सदस्यों ने कहा जल्द कार्यवाही नहीं तो करेंगे आंदोलन, अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों पर बना रखें है संरक्षण

सूरजपुर । जिले के राजनीतिक हब कहे जाने वाले रामानुजनगर विकास खंड शिक्षा  अधिकारी पंडित भारद्वाज व बीआरसी हजारी  लाल चक्रधारी के विरुद्ध जनपद के शिक्षा समिति ने मोर्चा खोला है। जनपद सदस्यों ने सरगुजा आयुक्त, जिले के कलेक्टर को पत्र लिख कर कार्यवाई की मांग की है। एक माह पूर्व सरगुजा आयुक्त से सुरजपुर कलेक्टर को जांच हेतु आए पत्र में प्रशासन ने अब तक शिकायतकर्ताओं का कथन बयान नही लिया है। और ना ही मौका जांच किया गया है। जिससे प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे है।



गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के रामानुजनगर जनपद पंचायत के शिक्षा समिति के सदस्य हेमेंद्र कुमार साहू, प्रमिला साहू, परमेश्वर सिंह ओरकेरा, अमर सिंह ये जनपद जनपद सदस्य हैं इन्होंने मुख्यसचिव, सरगुजा आयुक्त, कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर बताया कि शिक्षा समिति के सदस्यों द्वारा रामानुजनगर विकास खंड सीएम जतन योजना के तहत स्कूल के मरम्मद राशि आवंटित किया गया था। जिसमें से कई विभाग को प्रशासन द्वारा एजेंसी बनाया गया था। शिक्षा समिति के सदस्यों द्वारा शाला प्रबंधन समिति द्वारा मरम्मद कराए करीब 100 स्कूलों का निरीक्षण किया था। अपने निरीक्षण में पाया था कि सीएम जतन योजना के तहत आवंटित ज्यादातर स्कूलों में आवंटित राशि का केवल 20 प्रतिशत कार्य कराया गया है।



इन्होंने आगे बताया कि हमारे द्वारा स्कूलों के शिक्षकों से बात की गई शिक्षकों द्वारा बताया गया कि मरम्मद राशि का 30- 40 प्रतिशत हिस्सा बीईओ पंडित भारद्वाज, बीआरसी हजारी लाल चक्रधारी को कमीशन दिए है। जिस कारण स्कूलों के मरम्मद में गुणवत्ता ठीक नहीं है। मरम्मद कार्य धरातल में कार्य कम कराकर राशि ज्यादा आहरण कर लिया है। जिसकी शिकायत सरगुजा आयुक्त से की गई थी। आयुक्त द्वारा 9 अक्टूबर को सुरजपुर कलेक्टर को पत्र जारी कर 15 दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने की मांग है। जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

शिक्षा समिति के सदस्यों ने हमारे संस्था से बात करते हुए बताया कि सीएम जतन योजना का राशि एसएमसी के माध्यम से मरम्मद कराया जाना था। किंतु शाला प्रबंध समिति को पता भी नहीं है कि मरम्मद कराया जाना है। साथ ही स्कूलों के दिवालो में स्वीकृति राशि, खर्चा का विवरण भी अंकित नहीं किया गया हैं। हमने बीईओ के खिलाफ शिकायत की थीं जिस पर बीईओ ने खुद ही जांच हेतु संकुल समन्वय को पत्राचार कर जांच रिपोर्ट की मांग की है। आगे कहते है कि इस घोटाला का बड़ा हिस्सा जिले में बैठे अफसरों को भी जाता है। जिसके बाद भी योग्य शिक्षक के रहने के बाद भी भ्रष्टाचार में लिप्त सरगुजा के एक शिक्षक को बीईओ का प्रभार दिए हुए है।

प्रशासन को तत्काल ही प्रभारी बीईओ, बीआरसी को हटाकर जांच कराई जाए, साथ ही कलेक्टर कार्यालय में सरगुजा आयुक्त से आए पत्र में अब तक जांच नहीं हुआ है। जबकि जांच हमारे सम्मुख होना था, ताकि जांच पर निष्पक्षता बना रहता, किंतु प्रशासन चोरी छुपे तरीके से जांच कर रही है। बल्कि विष्णुदेव साय की सरकार के छवि को भी धूमिल करने का कार्य कर रहे है। आगे कहा कि हमें प्रशासन सड़क में उतर कर आंदोलन करने को बाध्य कर रहा है। जल्द ही अगर कार्यवाही नहीं होता है तो शिक्षा विभाग के खिलाफ सड़क में उतर कर आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा।

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