
सुंदरगढ़ । ओडिशा के माननीय राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री तथा सुंदरगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश पुजारी द्वारा आज स्थानीय विकास भवन में जिले में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की गई। इस समीक्षा बैठक में जिलाधीश मनोज महाजन, राउरकेला के अतिरिक्त जिलाधीश आशुतोष कुलकर्णी, सुंदरगढ़ के वन अधिकारी प्रदीप मिरासे, बणई के वन अधिकारी ललित पात्र, अतिरिक्त जिलाधीश (राजस्व) अभिमन्यु माझी, बणई के उप जिलाधीश अक्षय पिल्लई, सदर के उप जिलाधीश दशरथी सराबू, पानपोस के उप जिलाधीश विजय नायक, आईएएस शिक्षाविद् फवी रशीद, जिला योजना विभाग के सहायक निदेशक प्रदीप तिर्की प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्री महाजन ने जिले की विभिन्न सफलताओं एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। माननीय मंत्री श्री पुजारी ने कहा कि सुंदरगढ़ जिला महिला सशक्तिकरण में अग्रणी है। विशेषकर स्वयं सहायता समूहों ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। . जिले में विकास की गति को और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने आधुनिक सुंदरगढ़ के निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। जनता को प्रशासन के पास आने की बजाय, प्रशासन प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचकर सभी सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों आदि को कैसे पहुंचा सकता है और सभी को योजनाओं में कैसे शामिल किया जा सकता है, इस पर माननीय मंत्री श्री पुजारी ने जोर दिया।
इसी प्रकार जिला शिक्षा विभाग द्वारा जारी मैट्रिक परीक्षा परिणाम पर चर्चा की गई। जिले में कार्यरत शिक्षकों की संख्या, गोदावरी मिश्रा आदर्श प्राथमिक विद्यालय, पीएम श्री योजना, वर्चुअल स्टूडियो, मेधावी छात्र छात्रवृत्ति, कैरियर काउंसलिंग, पीएम पोषण, कुशल ओडिशा आदि पर चर्चा और समीक्षा की गई। सुंदरगढ़, राजगांगपुर और बीरमित्रपुर नगरपालिकाओं द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत विभिन्न कार्यों, स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, मो खाट, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहर) के तहत घरों, बहुउद्देशीय हॉल का निर्माण, जगा मिशन की स्थिति आदि की समीक्षा की गई।
इसी तरह निर्माण एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आवास, पुल, सड़क संपर्क आदि के निर्माण की समीक्षा की गई। सिंचाई विभाग, मेगा हिल सिंचाई, कृषि, जिला समाज कल्याण विभाग आदि की समीक्षा की गई। इसी तरह जिले में राजस्व ग्राम, वन भूमि अधिकार, भूमि अधिग्रहण, अवैध एवं अनाधिकृत बेदखली आदि की समीक्षा की गई।
माननीय मंत्री श्री पुजारी ने आगामी मानसून के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। उन्होंने जलमग्न क्षेत्रों, संवेदनशील एवं निचले क्षेत्रों की पहचान करने, अस्थायी आश्रय स्थलों की पहचान करने तथा विभिन्न उपकरणों एवं प्लास्टिक बैग आदि का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए। बैठक में सभी विभागीय अधिकारी, सभी सामुदायिक विकास अधिकारी एवं सभी तहसीलदार उपस्थित थे।