ईडी का एक्शन: गरियाबंद और रायपुर में चार कारोबारियों के ठिकानों पर छापे, कैश और दस्तावेज जब्त
रविवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गरियाबंद और रायपुर में चार कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह 6 बजे शुरू हुई और देर शाम तक चली। ईडी ने इन छापों में कैश, जेवरात और प्रॉपर्टी से संबंधित अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। मामले में दो लोगों को पूछताछ के लिए रायपुर स्थित पुजारी पार्क ऑफिस ले जाया गया।
कौन हैं ये कारोबारी?
ईडी की कार्रवाई में चार प्रमुख कारोबारियों के नाम सामने आए हैं:
1. गुलाम मेनन: गरियाबंद मैनपुर के रहने वाले किराना कारोबारी।
2. हुसैन मेनन: वनोपज व्यवसायी।
3. रफीक मेनन: रायपुर मौदहापारा के हार्डवेयर कारोबारी।
4. हसन रजा मेमन: चावल कारोबारी और अनवर ढेबर का भांजा।
इन चारों पर भ्रष्टाचार के पैसे को जमीन, चावल मिल और अन्य संपत्तियों में निवेश करने का आरोप है।
अनवर ढेबर से जुड़ा मामला
ईडी को संदेह है कि ये कारोबारी शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद अनवर ढेबर के करीबी हैं। गुलाम मेनन, जो कि अनवर के मौसेरे भाई बताए जा रहे हैं, पर ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि वह बिना किसी आय स्रोत के करोड़ों की संपत्ति जुटा रहे हैं।
गरियाबंद में कार्रवाई का विवरण
गरियाबंद के मैनपुर निवासी गुलाम मेनन के घर पर सुबह 6 बजे ईडी की टीम पहुंची। टीम ने घर के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन बंद करवा दिए और दिनभर जांच करती रही। गुलाम पर आरोप है कि वह बेरोजगार होते हुए भी दो करोड़ रुपये की जमीन खरीदने के साथ राइस मिल स्थापित कर रहे हैं। ग्रामीणों का दावा है कि यह पैसा शराब घोटाले से जुड़ा हो सकता है।
रायपुर में कार्रवाई
ईडी की दूसरी टीम ने रायपुर मौदहापारा निवासी हार्डवेयर कारोबारी रफीक मेनन और वनोपज व्यवसायी हुसैन मेनन के घर पर दबिश दी। इनके खिलाफ भी आर्थिक गड़बड़ी के आरोप हैं।
हसन रजा मेमन पर आरोप
चावल कारोबारी हसन रजा मेमन, जो कि अनवर का भांजा है, पर चावल कारोबार की आड़ में आर्थिक गड़बड़ी करने का आरोप है। ईडी ने उनके घर से भी महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
कस्टम राइस मिलिंग घोटाले से कनेक्शन
2021-2023 के बीच राज्य में हुए 140 करोड़ रुपये के कस्टम राइस मिलिंग घोटाले से इन कारोबारियों का लिंक होने का भी शक है। इस घोटाले में आईटीएस अधिकारी मनोज सोनी और राइस मिलर एसोसिएशन के तत्कालीन कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। ईडी अब जांच कर रही है कि इन चार कारोबारियों का इस घोटाले में कोई सीधा संबंध है या नहीं।
ग्रामीणों की शिकायत और आरोप
गरियाबंद के ग्रामीणों ने ईडी को शिकायत दी थी कि गुलाम मेनन बेरोजगार होने के बावजूद दो करोड़ रुपये की जमीन खरीद रहे हैं और राइस मिल स्थापित कर रहे हैं। ग्रामीणों को शक है कि इस संपत्ति का स्रोत शराब घोटाले से जुड़ा हो सकता है।
ईडी की आगे की कार्रवाई
ईडी ने इन चारों कारोबारियों के घर से बरामद कैश, दस्तावेज और अन्य सबूतों को जब्त कर लिया है। अब इनकी विस्तृत जांच की जाएगी। दो लोगों से ईडी दफ्तर में पूछताछ की जा रही है।
आगे की जांच पर नजर
ईडी अब इन छापेमारी से मिले सबूतों को शराब घोटाले और कस्टम राइस मिलिंग घोटाले से जोड़कर देख रही है। इनकी जांच से कई अन्य बड़े नामों के उजागर होने की संभावना है।