छत्तीसगढ़

टी.बी. मुक्त भारत अभियान में उद्योग की सराहनीय पहल

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प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड, भास्करपारा कोल माइन ने 65 मरीजों को एक वर्ष के लिए गोद लिया

सूरजपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025 – टी.बी. मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत बुधवार, 15 अक्टूबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड, भास्करपारा कोल माइन के सहयोग से संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के दौरान भैयाथान एवं ओड़गी क्षेत्र के कुल 65 टी.बी. मरीजों को पोषण किट और आवश्यक औषधियाँ वितरित की गईं। पोषण किट में दाल, चना, चावल, तेल, प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री और अन्य स्वास्थ्यवर्धक वस्तुएँ शामिल थीं। मरीजों को नियमित उपचार के लिए आवश्यक दवाइयाँ भी प्रदान की गईं।

इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सभी 65 मरीजों को एक वर्ष के लिए गोद लिया है। कंपनी अगले 12 महीनों तक प्रत्येक माह इन मरीजों को पोषण किट और दवाइयाँ उपलब्ध कराएगी। यह पहल कंपनी के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत की गई है, जो टी.बी. मुक्त भारत अभियान की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के .डी. पैकरा, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जे.एस. सरोता, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. राकेश सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। वहीं प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से सीनियर जीएम डी. पात्रा, एजीएम विजय कुमार, मैनेजर पी.के. सिंह एवं कंपनी के अन्य प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

डॉ. के.डी. पैकरा ने कहा कि “टी.बी. उन्मूलन के लिए समाज के सभी वर्गों की सहभागिता आवश्यक है। उद्योग जगत की भागीदारी से सरकारी प्रयासों को नई ऊर्जा मिलती है।”
डॉ. जे.एस. सरोता ने कहा कि “पोषण किट वितरण जैसी पहलें मरीजों के उपचार को गति देती हैं और उन्हें स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर करती हैं।”

प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अधिकारी डी. पात्रा ने कहा कि “कंपनी अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत इस तरह की जनहितकारी गतिविधियों में लगातार योगदान देती रही है। टी.बी. मुक्त भारत अभियान में सहयोग करना हमारे लिए गर्व की बात है।” मरीजों ने प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इस पहल से उन्हें न केवल पोषण सहायता मिली है, बल्कि मानसिक संबल भी प्राप्त हुआ है।

यह आयोजन इस बात का उदाहरण बना कि जब स्वास्थ्य विभाग, समाज और उद्योग जगत एक साथ आगे बढ़ते हैं, तो टी.बी. मुक्त भारत का लक्ष्य जल्द ही साकार हो सकता है।

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