
कोरबा।मायके से बार- बार नगद नहीं लाने पर पत्नी को प्रताड़ित करने के बाद गला घोंट कर हत्या कर दी।साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से घर के म्यांर में फांसी के फंदे पर लटका बिलासपुर भागने वाले पति एवं उसके चचेरे भाई को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
घटना उरगा थाना अंतर्गत ग्राम तरदा-भांठापारा निवासी राजू कुर्रे (29) का विवाह सुनीता बाई के साथ हुआ था। उरगा पुलिस को राजू कुर्रे ने 10 मई 2024 को सूचना दी कि वह विलासपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती अपनी चचेरी भाभी विष्णु देवी को लेने के लिए जा रहा था,तभी उसकी दूसरी चचेरी भाभी सुजाता ने फोन पर बताया कि उसकी पत्नी सुनीता बाई ने घर के म्यांर में लगा ली है और उसकी मृत्यु हो गई है।
वह वापस लौटा,तो देखा की उसकी पत्नी का शव म्यांर में साड़ी से फांसी पर लटका है।उरगा पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई के बाद शव पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार के लिए परिजन को सौंप दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुनीता की पहले गला घोंट कर हत्या करने फिर फांसी पर लटकाए जाना स्पष्ट हुआ।तब पुलिस ने धारा 302,201,120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। स्वजन और मोहल्ले में पूछताछ के बाद पुलिस मृतका सुनीता के पति राजू कुर्रे को गिरफ्तार किया,तब उसने पत्नी की गला घोंट कर हत्या करने के बाद अपने चचेरे भाई मनोज कुर्रे (33) के साथ आत्महत्या का रूप देने फांसी के फंदे पर लटकाएं जाने के बाद जानकारी दी। वहीं सुनीता बाई के मायके वालों ने राजू द्वारा 20 हजार,10 हजार,9 हजार नगद राशि के साथ 2 क्विंटल चावल देने की जानकारी दी। उन्होंने राजू पर सुनीता को प्रताड़ित किए जाने का भी आरोप लगाया।
मामले की शासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि 30 जून 2024 को पुलिस ने राजू कुर्रे व मनोज कुर्रे को गिरफ्तार कर न्यायालय ने पेश किया। उपरोक्त मामले की सुनवाई उपरांत तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे ने राजू कुर्रे व मनोज कुर्रे को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास तथा 100-100 रुपये का अर्थदंड से दंडित किया।अर्थदंड जमा नहीं करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।
इसी तरह धारा 120 बी के तहत दोनों को 7-7 वर्ष का कारावास तथा 100-100 रुपये का अर्थदंड,धारा 201 के तहत दोनों को 3-3 वर्ष का कारावास तथा 100-100 रुपये अर्थदंड का सजा सुनाया,अर्थदंड जमा नहीं करने पर अतिरिक्त एक-एक माह का कारावास भुगतने का आदेश दिया।