बलरामपुर, 22 दिसंबर 2024:
राजस्व मंडल छत्तीसगढ़ बिलासपुर के कूटरचित आदेशों को प्रस्तुत कर उनका क्रियान्वयन कराने के मामले में आरोपी अशोक अग्रवाल और घनश्याम अग्रवाल के अग्रिम जमानत आवेदन को माननीय हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है।
यह मामला तब सामने आया जब कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर तहसीलदार अंबिकापुर के समक्ष आवेदक अशोक अग्रवाल (राजपुर, बलरामपुर) और घनश्याम अग्रवाल (प्रेमनगर, सूरजपुर) द्वारा प्रस्तुत कूटरचित आदेशों की प्रमाणिकता जांची गई। जांच में पाया गया कि आवेदकों द्वारा प्रस्तुत आदेश और राजस्व मंडल के असली आदेश में भिन्नता थी।
सितंबर 2024 में कलेक्टर सरगुजा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह मामला पुलिस द्वारा जांचा गया। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। इस पर माननीय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस श्री रमेश सिन्हा ने मामले की सुनवाई की और अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी अशोक अग्रवाल और घनश्याम अग्रवाल के अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
न्यायालय ने ध्यान में रखा:
अपराध क्रमांक 595/2024 के तहत थाना कोतवाली अंबिकापुर, जिला सरगुजा में भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 318(4), 338, 336(3), और 340(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हाईकोर्ट ने केस डायरी में उपलब्ध सामग्री और अपराध की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए अग्रिम जमानत आवेदन को अस्वीकार किया है।
यह कार्यवाही कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर चल रही है, जो इस मामले की जांच और कार्रवाई की निगरानी कर रहे हैं।