बड़ी खबर भालूपाखना में निर्माणधीन पावर प्लांट में दर्दानक हादसा, पुलिस को खबर तक नहीं? हादसे में तीन घायल, एक की हलत गंभीर।

रायगढ़ जिला के धरमजयगढ़ ब्लाक का भालूपखना गांव में निर्णाधीन पावर प्लांट में 17 जून को एक हादसा हो गया, जिसमें तीन लोग घायल हो गये। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश का कृषि कार्य करने वाली एक ट्रेक्टर में छड़ लोडकर ले जाते वक्त हादसा हो गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छड़ लोड ट्रक्टर में 4 लोग सवार थे, दुर्घटना में ट्रेक्टर के नीचे 3 मजदूर दब गये थे जिसे पोकलेन मशीन के सहारे बाहर निकाला गया। घायल मजदूरों को पत्थलगांव अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
हादसे में ठेकेदार की बड़ी लापरवाही सामने आई है, ठेकेदार द्वारा इतनी बड़ी दुर्घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई। धनवादा पावर प्लांट में हुए दुर्घटना के संबंध में रैरूमा चौंकी प्रभारी से जानकारी लेने पर चौंकी प्रभारी मनीष कांत ने बताया कि इसकी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या धनवादा कंपनी के ठेकेदार को कानून का कोई डर भय नहीं है या फिर कहा जाये कि ठेकेदार नियम कानून को अपने जेब में रखकर कर निर्माण कार्य कर रहे हैं और गरीब मजदूरों के जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।। वही धनबादा पावर प्लांट

संचालित है, धनबादा पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लघुजल विद्युत परियोजना
के तहत 33 के व्ही ट्रांसमिशन लाइन का कार्य किया जा रहा हैं, उसके
तहत कंपनी के अधिकारिगण बिना किसानों के आदेश के उनके खेतों
में पिलर लगाना प्रारंभ कर दिए हैं, ट्रांसमिशन लाइन का अधिकांश
हिस्सा फारेस्ट एरिया में आता हैं, जब फारेस्ट अधिकारियों से इसकी
जानकारी ली गई तो पता चला कि फारेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा कंपनी के
ऊपर वन संरक्षण अधिनियम 1980 के उलंघन के तहत कार्यवाही की
जा रही हैं, क्योंकि वन विभाग से बिना अनुमति लिए कंपनी वन विभाग
की जमीन पर स्ट्रक्चर खड़ा कर दी थी, जिसकी जाँच करने के लिए
CCF की टीम 2 दिन पहले ही धनबादा कंपनी की साइट भालु पखना
आई हुई थी, जिन्होंने जाँच में कंपनी को गलत पाया हैं,
अब देखना होगा कि क्या वन विभाग कंपनी पर कोई कार्यवाही करती हैं या फिर पहले की तरह 33kv ट्रांसमिशन लाइन में भी इसी तरह कंपनी अपनीbमनमानी रवैये से निमयों को नजर अंदाज करते हुए किसानो के हक़ की जमीन बिना अनुमति के पिलर लगाकर हड़पने की कोशिश करेगी।

हालांकि स्थानीय ग्रामीणों से पता चला हैं कि कंपनी वन विभाग द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी जोरशोर से पुनः कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, अब देखना होगा खबर प्रकाशन के बाद अधिकारी इस पर किस तरह की कार्यवाही करते है।