मरवाही पुलिस ने सुलझाया दस वर्षीय बालक की संदिग्ध मृत्यु का मामला

बुआ के बेटे ने नशे की हालत में किया अनैतिक कृत्य, फिर हत्या कर दिया फांसी का रूप
पुलिस की सूझबूझ और फॉरेंसिक जांच से बेनकाब हुआ सनसनीखेज अपराध
विगत 02 नवंबर 2025 को थाना मरवाही के एक ग्राम से सूचना मिली थी कि एक दस वर्षीय बालक अपने घर के पास बन रहे निर्माणाधीन भवन की म्यार में फांसी पर लटका हुआ है। सूचना पर थाना मरवाही में मर्ग पंजीबद्ध कर थाना मरवाही की टीम मौके पर पहुंची। घटना स्थल का मुआयना करने पर प्रथम दृष्टया मामला संदेहास्पद प्रतीत हुआ, जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल सूचना दी गई।
फॉरेंसिक अधिकारी शांतनु राठौर के साथ डीएसपी दीपक मिश्रा भी मौके पर पंचनामा कार्यवाही हेतु पहुंचे। पंचनामा के दौरान बालक के शरीर पर कुछ ऐसे निशान पाए गए जिनसे मृत्यु आत्महत्यात्मक न होकर हत्यात्मक परिलक्षित हो रही थी। इसकी पुष्टि के लिए पुलिस अधीक्षक श्री एस.आर. भगत द्वारा जिला स्तर पर डॉक्टर्स की टीम गठित करवा कर पोस्टमार्टम करवाया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री एस आर भगत द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री ओम चंदेल के मार्गदर्शन में एसडीओपी मरवाही डीएसपी दीपक मिश्रा, थाना प्रभारी मरवाही निरीक्षक सनीप रात्रे और साइबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव के नेतृत्व में एविडेंस कलेक्शन और पूछताछ के लिए टीम गठित की गई। प्रारंभिक पूछताछ में घरवालों, पड़ोसियों सहित कई ग्रामीणों से डोर-टू-डोर जाकर पूछताछ की गई।
पूछताछ के दौरान मृत बालक के रिश्ते की बुआ का बेटा अर्जुन (उम्र 25 वर्ष), जो मूलतः थाना पसान क्षेत्र के ग्राम अमझर का निवासी है, उस पर संदेह गहराया। तस्दीक करने पर पता चला कि आरोपी अर्जुन का नाम पूर्व में भी एक छोटे बच्चे की हत्या के मामले में आया था, जिसकी तस्दीक पसान थाना से की जा रही है।
आरोपी अर्जुन के मोबाइल की जांच करने पर उसमें बड़ी संख्या में अप्राकृतिक मैथुन के वीडियो मिले। इसके बाद हिकमत अमली से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना गुनाह कबूल करते हुए घटना का वृतांत बताया।
आरोपी अर्जुन उसी गांव में अपने एक अन्य रिश्तेदार के घर रह रहा था और अपने मामा (मृत बालक के पिता) के घर अक्सर शराब पीने आता-जाता था। आरोपी ने बताया की पूर्व में भी उसकी एक शादी हो चुकी है, परंतु उसकी हरकतों से परेशान होकर उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी।
01 नवंबर की रात आरोपी दारू पीकर अपने मामा के घर आया और मामा-मामी के साथ शराब पीकर साथ खाना खाया फिर उसके मामा मामी जब सोने अंदर चले गए आरोपी बाहर आग तापने लगा । वापस निकलते समय उसे बाड़ी के पास उसके मामा का बड़ा लड़का मिला। उसने बच्चे से पूछा कि कहां घूम रहा है और गाली-गलौज की । बच्चे के पलटकर जवाब देने पर आरोपी ने गुस्से में उसके गुप्तांग में जोर से मारा और मारपीट भी की। बालक को अचेत अवस्था में जाता देखकर आरोपी ने वहीं बाड़ी में उसके साथ अप्राकृतिक अनैतिक कृत्य भी किया।
इसके बाद अपने अपराध को छुपाने के लिए उसने बालक को बाड़ी से लगे उसके मामा के निर्माणाधीन भवन में ले जाकर पास रखे साड़ी के कपड़े से म्यार में बांध दिया और अचेत अवस्था में ही फंदा गले में लटका दिया, जिससे बालक की मृत्यु हो गई।
आरोपी के बताए अनुसार सीन ऑफ क्राइम का पुनः निर्माण (Reconstruction) किया गया तथा फॉरेंसिक अधिकारी की निगरानी में एविडेंस कलेक्शन किया गया । आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।
इस ब्लाइंड मर्डर केस में सूझबूझ से प्रकरण के खुलासे और आरोपी की धर पकड़ में थाना मरवाही के सहायक उप निरीक्षक चंदन सिंह, प्रधान आरक्षक गुलाब प्रजापति, आरक्षक अमितेश पात्रे मनोज मरावी , अनुरूप पैंकरा, अशोक कश्यप, नारद जगत व महिला आरक्षक कमलेश जगत तथा साइबर सेल के प्रधान आरक्षक रवि त्रिपाठी तथा आरक्षक राजेश शर्मा, सुरेंद्र विश्वकर्मा, हर्ष गहरवार और इंद्रपाल आर्मो की उल्लेखनीय भूमिका रही।





