Ambikapur Suicide Case: 25 वर्षीय युवक ने फांसी लगाई, इंस्टाग्राम वीडियो में तीन को बताया जिम्मेदार

Highlights
- 25 वर्षीय परम तिवारी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
- इंस्टाग्राम पर वीडियो डालकर तीन युवकों पर लगाया आरोप
- परिवार को धमकी मिलने का वीडियो में किया जिक्र
- वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की
- आरोपियों को नोटिस जारी, पूछताछ जारी
अंबिकापुर में युवक की आत्महत्या से सनसनी
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में 25 वर्षीय परम तिवारी द्वारा कथित प्रताड़ना से परेशान होकर फांसी लगाने का मामला सामने आया है। युवक ने मौत से पहले इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर तीन युवकों को अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
आरोप – इंस्टाग्राम वीडियो में तीन युवकों का नाम
परम ने अपने अंतिम वीडियो में कहा कि 5 दिसंबर की शाम वह अपने दोस्त के साथ जिम गया था। जिम से बाहर निकलते समय उसकी मुलाकात एक परिचित युवक से हुई और तीनों साथ में आगे बढ़े। रास्ते में कुछ लड़कों के साथ विवाद हुआ, हालांकि मामला बाद में शांत हो गया और सभी घर लौट गए।
कुछ ही देर बाद वही तीन युवक उसके घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों को गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देने लगे। परम ने वीडियो में कहा कि इन धमकियों के कारण उसके परिवार पर गहरा दबाव बना और मानसिक तनाव में उसने यह कदम उठाया।
मौत से ठीक पहले रिकॉर्ड हुआ 1 मिनट 22 सेकंड का वीडियो
परम ने आत्महत्या से कुछ मिनट पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में उसने शांत आवाज में कहा—
“अगर मुझे कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार महुआपारा निवासी छोटू पंडित उर्फ छोटू मिश्रा, बुद्धि पंडित और विक्रांत उर्फ प्रांजल मिश्रा होंगे।”
उसने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि जिम में हुआ विवाद बेवजह बढ़ा, और घर तक पहुंचकर दी गई धमकियों ने उसकी मानसिक स्थिति को तोड़ दिया।
जांच – पुलिस ने तीनों युवकों को भेजा नोटिस
CSP राहुल बंसल ने बताया कि पुलिस वीडियो और अन्य तथ्यों के आधार पर जांच कर रही है। तीनों आरोपित युवकों को नोटिस देकर पूछताछ शुरू कर दी गई है।
पुलिस परिवार और दोस्तों के बयान भी दर्ज कर रही है। सभी तथ्य सामने आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक प्रभाव – बढ़ते तनाव और सोशल मीडिया पर प्रश्न
यह घटना युवाओं में बढ़ते मानसिक तनाव, छोटे विवादों से उपजे खतरनाक परिणाम और सोशल मीडिया पर अंतिम संदेश छोड़ जाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।





