छत्तीसगढ़

राउरकेला साइबर म्यूल खाता रैकेट का भंडाफोड़ : चार गिरफ्तार, बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर

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राउरकेला पुलिस ने एक बड़े साइबर अपराध रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से खच्चर (म्यूल) बैंक खातों का एक संगठित नेटवर्क संचालित किया जा रहा था। यह गिरोह राउरकेला और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों के नाम पर बैंक खाते खुलवाकर उन्हें भारत और विदेशों में सक्रिय साइबर अपराधियों को बेचता या किराए पर देता था।

गिरोह का तरीका

गिरोह ने बेरोज़गार युवाओं और जेल से छूटे अपराधियों को शामिल कर उनसे निम्न कार्य करवाए—

  • जाली दस्तावेज़ तैयार करवाना
  • फर्जी KYC कराकर बैंक खाते खुलवाना
  • सक्रिय सिम कार्ड और पहचान दस्तावेज लेना

इन खातों को फिर साइबर धोखाधड़ी की रकम प्राप्त करने, पास-थ्रू ट्रांजैक्शन और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए इस्तेमाल किया जाता था। प्रत्येक खाते को 8,000–10,000 रुपये में बेचा या किराए पर दिया जाता था।

पुलिस कार्रवाई

खुफिया जानकारी के आधार पर डीएसपी सेरोफिना जेस और इंस्पेक्टर एस.के. मोहंती के नेतृत्व में की गई संयुक्त कार्रवाई में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें तीन बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि कई खाते कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत से बिना उचित सत्यापन के खोले गए थे।

गिरफ्तार आरोपी

  1. अजय कुमार साह, शांतिनगर, रघुनाथपाली
  2. सीतांशु कुमार स्वैन (35), छेंड कॉलोनी — सेल्स, इंडसइंड बैंक
  3. सिबा शंकर पटनायक (32), पानपोष — कैशियर, कोटक महिंद्रा बैंक
  4. प्रभंजन नायक (26), ओरिएंट कॉलोनी — पूर्व कर्मचारी, इंडसइंड बैंक; वर्तमान- महिंद्रा फाइनेंस

जब्त सामान

  • ATM कार्ड — 12
  • हार्ड ड्राइव — 1
  • आधार कार्ड — 3
  • पासबुक — 3
  • चेकबुक — 5
  • HP लैपटॉप — 1
  • मोबाइल फोन — 4

जांच का अगला चरण

  • मनी ट्रेल का पता लगाना
  • अन्य बैंक कर्मचारियों की भूमिका की जांच
  • विभिन्न राज्यों में साइबर अपराधियों से रैकेट के लिंक की पुष्टि
  • जब्त उपकरणों का फोरेंसिक विश्लेषण

इस साल राउरकेला में म्यूल अकाउंट का यह तीसरा बड़ा मामला है। अब तक 60 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस की अपील

यदि किसी व्यक्ति का बैंक खाता साइबर अपराध मामले में फ्रीज हो जाता है, तो वे अपनी बैंक जानकारी किसी के साथ साझा न करें और तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।

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