अपने फायदे के लिए लेख में बता रहें भूमिगत खदान से होगा विकास पर ग्रामीणों के सामने कहने की हिम्मत नहीं, फायदा अगर बंद तो ना घर के न घाट के

हाल ही में कई तरह के लेख प्रकाशित हुए हैं जिसमें खदान से नुकसान के बारे में न बताकर खदान से फायदे को समझाया जा रहा है पर वे लोग यह भूल गए हैं की खदान से विनाशी होता है पर यह लोग अपना स्वार्थ साधने के लिए कंपनी को दिखाने के लिए कि हम आपके साथ हैं आज ग्रामीणों से गद्दारी तक करने को तैयार हो गए हैं। और लेख प्रकाशित कर रहे हैं की खदान से विकास होगा विस्थापन नहीं होगा पेड़ पौधों की कटाई नहीं होगी जल स्रोत नीचे नहीं जाएगा लेकिन वे लोग यह भूल जा रहे हैं कि खदान जमीन से नीचे स्थित कोयले को निकाल कर ले जाएगी जिसके एवज में ग्रामीणों को प्रोत्साहन के तौर पर छोटे-मोटे गिफ्ट देगी ताकी विरोध ना हो।
वे लोग यह भूल जा रहे हैं की यह कोई कंपनी नहीं है ना ही कोई पावर प्लांट है जिससे आसपास की सड़कों का विकास होगा गांव का विकास होगा या तो भूमिगत कोयला खदान है जो भूमि के नीचे स्थित कोयले को निकाल कर अन्य जगह ले जाएगी अब समझ यह नहीं आता की यहां से जीवशम ईंधन को निकाल कर ले जाने के बाद यहां का कौन-कौन सा विकास होगा उल्टा यहां तो जमीन के नीचे कोयला निकालने के बाद बड़े पैमाने पर खाली जगह ही बच जाएगी जिसमें अगर कोयले के स्थान पर कुछ अन्य चीज नहीं भरा गया तो भविष्य में कई प्रकार की अनहोनी घटना घट सकती है।
वही कुछ लोग कह रहे हैं कि पेड़ों की कटाई नहीं होगी पर जहां से भूमिगत खदान के अंदर जाने का रास्ता बनेगा वहां तो पेड़ों की कटाई होगी ही और इनका कहना है कि परिवहन के लिए ट्रक का उपयोग नहीं करेंगे रेल रूट का उपयोग करेंगे, अगर जिस जगह भूमिगत खदान के अंदर जाने का रास्ता बनेगा वहां से जिधर भी ट्रेन रूट स्टेशन से जोड़ा जाएगा बीच में सिर्फ जंगल ही मौजूद है तो क्या उन जंगलों के बीच से ट्रेन रूट ले जाने के लिए पेड़ों का कटाव नहीं किया जाएगा या कोई स्पेस टेक्नोलॉजी है जिससे पेड़ों को बचाने के साथ -साथ अन्य रुट अपनाते ले या आसमान से ले जाया जाएगा।
चंद ऑफर के लिए लोग आज इस तरह गिर गए हैं की खदान का सपोर्ट ग्रामीणों की अनदेखी करते हुए कर रहे हैं इन लोगों को अगर कहा जाए की ऐसी जगह आप घर बनाकर निवास करिए जहां मिट्टी के नीचे खोकला जगह हो तो क्या यह लोग वहां रहना पसंद करेंगे और उनके मन में डर नहीं रहेगा की कभी भी कुछ अनहोनी घटना घट सकती है। ऐसे लोगों को ग्रामीणों का हित देखते हुए पहले ग्रामीणों का सपोर्ट करना चाहिए लेकिन यह लोग अपना स्वार्थ देखते हुए आज खुलेआम भूमिगत खदान का सपोर्ट कर रहे हैं।





