राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के शुभारंभ कार्यक्रम के निमित्य रायगढ नगर में निकलेगा भव्य पथ संचलन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा स्वयं सेवी संगठन है ,इस संगठन के द्वारा लाखों सेवा प्रकल्प एवं शाखाओ के माध्यम से हिंदु समाज का संगठन पिछले 100 सालों से हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना नागपुर में सन 1925 में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी के द्वारा की गई थी। संघ अनवरत सामाजिक कार्य करते हुए आज अपने शताब्दी वर्ष में विजयदशमी उत्सव के साथ वर्ष 2025 में प्रवेश किया। संघ अपने शताब्दी वर्ष के निमित्त समाज के मध्य जाकर सात कार्यों से समाज में एकता,समन्वय के साथ-साथ अपनी संस्कृति पर गर्व करते हुए राष्ट्र प्रथम की भावनाओं को कैसे जागृत रखा जाए की दिशा में कार्य करेगा।

सात कार्यों में प्रथम कार्य विजयदशमी उत्सव एवं शस्त्र पूजन,दूसरा कार्य वृहद गृह संपर्क अभियान,तीसरा कार्य सभी बस्ती एवं मंडलों में वृहद रूप में हिंदू सम्मेलन ,चौथा कार्य सद्भाव बैठकें,पांचवा कार्य प्रमुख जन गोष्ठी, छठवां युवायो के कार्यक्रम, सातवां अधिकतम स्थान में शाखा। सात कार्यों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज के मध्य जाकर संगठन के द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्य, सेवा प्रकल्प, शाखाओ इत्यादि से समाज को अवगत कराते हुए शताब्दी वर्ष में सभी की सहभागिता बनी रहे इसी अपेक्षा के साथ सभी को जोड़ेगा।

शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने के निमित्य प्रथम कार्यक्रम प्रत्येक बस्ती से श्री विजयादशमी उत्सव नगर की 24 बस्तियों में 28 सितंबर 2025 को संपन्न हुआ। विगत 2 अक्टूबर 2025 को हिंदू पंचांग के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने 100 वर्ष पूर्ण करते हुए 101वें वर्ष में प्रवेश किया है,जिस निमित्त रायगढ़ में शताब्दी शंखनाद पथ संचलन का आयोजन किया जा रहा है ।
जो दिनांक 12 अक्टूबर, 2025 को रामलीला मैदान से निकलेगा,जिसके लिए गणवेश धारी स्वयंसेवकों को सायं 3:30 और श्रोता गणों को सायं 4:30 बजे आमंत्रित किया गया है।अब समय केवल देखने का नहीं बल्कि साथ चलने का जुड़ने का और नेतृत्व करने का है पथ संचलन में आइए राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभाइए। समग्र समाज बंधुओं से आग्रह है श्रोता बन कर नहीं बल्कि स्वयंसेवक बन कर कार्यक्रम में सहभागी बनें एवं भगिनी/ मातृशक्तियों से कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पधारे ऐसा आग्रह है।






