छत्तीसगढ़

आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जिले के 275 ग्रामों का विकास विजन, विशेष ग्राम सभाओं में हुआ पारित

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आदि कर्मयोगी अभियान के राज्य नोडल अधिकारी श्री एम. राज मुरूगन पहुँचे कबीरधाम, ग्रामीणों से किया सीधा संवाद
गांधी-शास्त्री जयंती पर वनांचल के ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाएँ, ग्रामीणों की आकांक्षाओं से तय होगा विजन-2030

वनांचल में जमीन पर बैठकर हुई ऐतिहासिक ग्राम सभा, ग्रामीणों की मांगें अब सीधे बनेंगी विकास योजना का हिस्सा

कवर्धा, 3 अक्टूबर 2025। भारत सरकार का महत्वाकांक्षी आदि कर्मयोगी अभियान के तहत कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम पंचायत तितरी, बरेन्डा और खारा में गांधी जयंती 2 अक्टूबर को आयोजित विशेष ग्राम सभाओं के साथ नई दिशा में आगे बढ़ा।

इन ग्राम पंचायत के ग्राम सभा मे भारत सरकार द्वारा नियुक्त छत्तीसगढ़ राज्य नोडल अधिकारी, वरिष्ठ आईपीएस एवं भारत सरकार के ट्राईफेड के प्रबंध संचालक श्री एम. राज मुरूगन विशेष रूप से कबीरधाम पहुंचे। विभिन्न ग्राम सभा में शामिल हुए और वर्ष 2030 तक के ग्राम विकास के कार्यो को आगे बढ़ाया। उनके साथ भारत सरकार से जिले के लिए नियुक्त श्रीमती विजय लक्ष्मी तारा, जिला पंचायत सीईओ श्री अजय त्रिपाठी, आदिम जाति विकास विभाग से सहायक आयुक्त श्री एल.पी. पटेल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर आयोजित इन सभाओं की शुरुआत दोनों महान विभूतियों के तैलय चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई।

भारत सरकार द्वारा नियुक्त छत्तीसगढ़ राज्य नोडल अधिकारी, वरिष्ठ आईपीएस अफसर श्री एम. राज मुरूगन सहित सभी अधिकरियो ने ग्राम सभाओं में अधिकारियों ने ग्रामीणों के बीच जमीन पर बैठकर चौपाल का रूप दिया और सीधे संवाद किया। ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं और आकांक्षाओं को सामने रखा,जिनमें स्वच्छ पेयजल, पक्की सड़क, प्राथमिक विद्यालयों की बेहतर व्यवस्था, 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं, महतारी सदन निर्माण, सामुदायिक वन संसाधन पत्र, नदी पर पुल निर्माण, निर्बाध बिजली और नए ट्रांसफार्मर लगाने की मांग प्रमुख रही।

राज्य नोडल अधिकारी श्री मुरूगन ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य है कि गांव की जरूरतें अब गांव वाले खुद तय करें। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत ग्राम विजन योजना 2030 तैयार की जा रही है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, आधारभूत ढांचा और परंपराओं के संरक्षण जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रामीणों की आकांक्षाओं को इस विजन योजना में जोड़ा जाएगा, ताकि गांव आत्मनिर्भर और विकसित बन सकें।

उन्होंने आगे बताया कि अभियान में केंद्र सरकार के 17 मंत्रालयों की 25 गतिविधियाँ सम्मिलित हैं। कबीरधाम जिले के 275 गांव इस योजना में शामिल किए गए हैं—जिनमें बोड़ला के 226, पंडरिया के 41, सहसपुर-लोहारा के 7 और कवर्धा ब्लॉक का 1 ग्राम है।

जिला पंचायत सीईओ श्री अजय त्रिपाठी ने कहा कि यह अभियान तीन स्तंभों पर आधारित है आदि कर्मयोगी, अधिकारी जो योजनाओं का अभिसरण और उत्तरदायी वितरण सुनिश्चित करते हैं। आदि सहयोगी, शिक्षक, डॉक्टर, युवा और शिक्षित आदिवासी, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और नवाचार तक पहुंच बनाते हैं और आदि साथी स्वयं सहायता समूह, ग्रामीण, जनजातीय बुजुर्ग और सामुदायिक सूत्रधार, जो परंपराओं और स्थानीय ज्ञान को संरक्षित कर समाज को मजबूत करते हैं।

गांधी-शास्त्री जयंती पर आयोजित इन विशेष ग्राम सभाओं ने न केवल ग्रामीणों को अपनी बात सीधे रखने का अवसर दिया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि उनकी समस्याएं और आकांक्षाएं अब भविष्य की योजनाओं का हिस्सा बनेंगी। संबन्धित ग्राम पंचायतों के पंच, सरपंच, ग्रामीणजन, वरिष्ठ जन और भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहे।
समाचार क्रमांक-1097 /गुलाब डड़सेना फ़ोटो

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