छत्तीसगढ़
रायपुर के अस्पताल में लापरवाही से गई प्रसूता की जान: कांग्रेस ने बनाई जांच समिति, डिलीवरी के बाद भी डॉक्टर नहीं मिला

Raipur Sakshi Nishad Death Case: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) के बिरगांव इलाके के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center Birgaon) में शर्मनाक लापरवाही सामने आई है। डिलीवरी के बाद 22 वर्षीय साक्षी निषाद (Sakshi Nishad) की इलाज के अभाव में मौत हो गई।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं था और वार्ड ब्वॉय (Ward Boy) ने समय पर डॉक्टर को नहीं बुलाया। दर्द से कराहती साक्षी की हालत बिगड़ती गई और अंततः उसकी मौत हो गई।
परिजनों के अनुसार, प्रसव के लगभग 12 घंटे बाद रात करीब 2 बजे वार्ड ब्वॉय ने साक्षी को इंजेक्शन लगाया और पानी पिलाया, जिसके तुरंत बाद उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। उन्होंने बार-बार आग्रह किया कि डॉक्टर को बुलाया जाए, लेकिन किसी ने नहीं सुना। नतीजतन, साक्षी निषाद ने दम तोड़ दिया। यह घटना न केवल मेडिकल सिस्टम पर सवाल उठाती है, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत भी उजागर करती है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) ने जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है। डॉ. राकेश गुप्ता (Dr. Rakesh Gupta) को समिति का संयोजक बनाया गया है। साथ ही समिति में पूर्व विधायक अनीता वर्मा (Anita Verma), छाया विधायक पंकज शर्मा (Pankaj Sharma), ग्रामीण जिलाध्यक्ष उधो वर्मा (Udho Verma) और नंदलाल देवांगन (Nandlal Dewangan) को शामिल किया गया है।
यह घटना छत्तीसगढ़ की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। सरकार चाहे जितना दावा कर ले, लेकिन ग्रामीण और शहरी सीमा के अस्पतालों में मेडिकल सुविधाएं और डॉक्टरों की उपलब्धता आज भी बेहद कमजोर है। खासकर रात के समय जब आपात स्थिति में भी मरीज़ों को समय पर इलाज नहीं मिलता।