
मनरेगा में छत्तीसगढ़ का लेबर बजट बढ़ाने की घोषणा, गरीबों को मिलेगा ज्यादा रोजगार
अंबिकापुर में हुआ राज्य स्तरीय कार्यक्रम, शिवराज सिंह चौहान रहे मुख्य अतिथि
अंबिकापुर, 13 मई 2025।
राज्य स्तरीय “मोर आवास मोर अधिकार” कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की। इस अवसर पर शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत नवनिर्मित 51,000 मकानों के हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराकर “खुशियों की चाबी” सौंपी।
घर की नींव के साथ भविष्य की उम्मीदें भी मजबूत
कार्यक्रम के दौरान भूमि पूजन और स्वीकृति पत्र वितरण कर आवास निर्माण की शुरुआत की गई। स्व-सहायता समूह की उत्कृष्ट “लखपति दीदियों” को सम्मानित किया गया। मंत्री चौहान ने कहा, “भारत अब सहने वाला नहीं, जवाब देने वाला राष्ट्र बन चुका है।”
नए नियमों से अधिक लोग होंगे लाभान्वित
अब ₹15,000 मासिक आय वाले और 5 एकड़ तक जमीन रखने वाले परिवार भी योजना के पात्र होंगे। मंत्री ने कहा, “यह सरकार गरीबों की है, जनता हमारी भगवान है।”
मनरेगा लेबर बजट में वृद्धि की घोषणा
छत्तीसगढ़ का मनरेगा लेबर बजट बढ़ाया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा। शिवराज सिंह चौहान ने यह भी बताया कि 3 लाख से अधिक बचे हुए आवासों की स्वीकृति राज्य को दी जा चुकी है।
लक्ष्य: 4 लाख से ज्यादा लखपति दीदी
अब तक 3 लाख लखपति दीदी तैयार हो चुकी हैं और सरकार का लक्ष्य है कि यह संख्या 4 लाख से ऊपर पहुंचे। मंत्री ने कहा कि यह पारदर्शी और जनसेवाभावी शासन की मिसाल है।
कृषि, रोजगार और तकनीक—हर क्षेत्र में प्रगति
मंत्री ने बताया कि धान की खरीद ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है और देश की कृषि वैज्ञानिक टीम गांवों में जाकर किसानों की आमदनी बढ़ाने पर काम कर रही है।
वन नेशन वन इलेक्शन की ओर बढ़ता भारत
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि देश ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए संवैधानिक संशोधन की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिससे विकास कार्यों पर चुनावी बाधा न पड़े।
मुख्यमंत्री ने बताया: 18 लाख मकानों की स्वीकृति, हर पात्र को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प के अनुसार 14 दिसंबर 2023 को 18 लाख प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति दी गई। पात्रता में 5 एकड़ तक की सिंचित जमीन और ₹15,000 मासिक आय शामिल की गई है।
गांव-गांव शिविर, पंचायतों में डिजिटल केंद्र
8 अप्रैल से शुरू हुआ “सुशासन तिहार” अभियान मई के अंत तक चलेगा, जिसमें जनसमस्याओं के समाधान हेतु शिविर लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2026 तक राज्य की सभी 11,000 पंचायतों में डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित हो जाएंगे।
रजिस्ट्री के साथ एक घंटे में नामांतरण की सुविधा
अब जमीन रजिस्ट्री के साथ नामांतरण प्रक्रिया भी एक घंटे में पूरी होगी और माता-पिता मात्र ₹500 में अपनी संपत्ति संतान के नाम कर सकेंगे।
नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा, 2026 तक होगा खात्मा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद अंतिम चरण में है और सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक इसे पूरी तरह समाप्त किया जाए।
जनप्रतिनिधियों और अफसरों की बड़ी मौजूदगी
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा समेत कई मंत्री, सांसद, विधायक, आयोग अध्यक्ष और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। पूरे प्रदेश में गृह प्रवेश उत्सव का आयोजन कर इसे जन-उत्सव का रूप दिया गया।