
दुर्ग पुलिस ने महिला तस्कर और उसके सहयोगी की संपत्तियों पर कसा शिकंजा, मुंबई SAFEMA कोर्ट से मिला आदेश
मादक पदार्थों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’, दुर्ग पुलिस की निर्णायक कार्रवाई
दुर्ग/भिलाई: छत्तीसगढ़ में नशे के कारोबार पर रोक लगाने की मुहिम के तहत दुर्ग पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने SAFEMA कोर्ट मुंबई से आदेश प्राप्त कर दो गांजा तस्करों की कुल 40 लाख रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है।
महिला तस्कर सरोजनी की करोड़ों की कमाई पर गिरी गाज
पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने जानकारी दी कि 6 सितंबर 2024 को खुर्सीपार क्षेत्र से महिला तस्कर जी. सरोजनी को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सरोजनी पहले भी कई बार मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त रही है और उसने गांजा बेचकर कई मकान और वाहन खरीदे थे।
कोर्ट के आदेश पर मकान और वाहन जब्त
SAFEMA कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद पुलिस ने जी. सरोजनी की खुर्सीपार और मिनीमाता नगर स्थित तीन मकानों को जब्त किया। इनमें शामिल हैं:
- बालाजी नगर, खुर्सीपार स्थित मकान – क़ीमत ₹16,55,654
- मिनीमाता नगर, खुर्सीपार स्थित मकान – क़ीमत ₹20,46,444
- गणेश मंदिर, बालाजी नगर के पास स्थित मकान – क़ीमत ₹2,12,502
इसके साथ ही सरोजनी के सहयोगी जी. धनराजू की दो बाइक भी जब्त की गईं, जिनकी कुल कीमत ₹65,000 आंकी गई है।
SAFEMA कोर्ट से मिली कानूनी मंजूरी, संपत्तियों पर सरकारी सील
दुर्ग पुलिस ने मादक पदार्थों से अर्जित संपत्ति को जब्त करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराधों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली SAFEMA (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act) कोर्ट, मुंबई में आवेदन प्रस्तुत किया था। कोर्ट से अनुमति मिलते ही जब्ती की कार्रवाई पूरी की गई।
निष्कर्ष:
दुर्ग पुलिस की यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत देती है कि मादक पदार्थों के खिलाफ शासन और प्रशासन की नीति पूरी तरह से सख्त है। NDPS एक्ट और SAFEMA जैसे कानूनों के तहत अब सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों पर भी कठोर कार्रवाई की जा रही है।