छत्तीसगढ़

8 से 15 मई तक बेलादुला में बहेगी श्रीमद् भागवत की बयार

निर्मोही अखाड़े की कथावाचक दीदी मां साध्वी प्रज्ञा की ओजस वाणी में होगा पाठ

गुरुदेव की स्मृति में लगातार 45 साल से नीलमाधव आश्रम में हो रहा भागवत का आयोजन

रायगढ़ । बेलादुला के पुण्यभूमि में श्री नीलामाधव जी की असीम अनुकम्पा से श्री सद्गुरु बलदेव दास की पुण्यतिथि पर महंत रामगोपाल दास के सानिध्य में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महापुराण ज्ञानयज्ञ सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। अनुष्ठान दिनांक 08 मई से 15 मई तक पूज्यनीया साध्वी महंत प्रज्ञा भारती जी महाराज सांई शक्ति सेवा संस्थापिका एवं अध्यक्ष, जबलपुर तथा महंत निर्मोही अखाड़ा के सरस, सलिल, सुमधुर मुखारविन्द एवं यज्ञाचायों के मंत्रोच्चार के साथ संपन्न किया जाना सुनिश्चित हुआ है।


8 मई को कलश यात्रा, मंगलाचरण, श्रीमद भागवत महात्यम, 9 को कुंती स्तुति, भीष्म स्तुति, सति चरित्र, 10 को ध्रुव चरित, भरत चरित्र, प्रहलाद चरित्र, 11 को गजेन्द्रमोक्ष, समुद्र मंथन, वामन चरित्र, कृष्णजन्मोत्सव, 12 को श्री कृष्ण बाललीला, गोवर्धन पूजा, 13 को रासलीला, उद्धव प्रसंग, रूक्मिणी विवाह, 14 को सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष, व्यास पूजन, 15 को श्री गुरुदेव महाराज की पुण्यतिथि एवं भंडारा उत्सव होगा।

सात दिवसीय भागवत कथा आयोजन समिति के सदस्य महंत राम गोपाल दास बताते हैं कि परम पूज्य गुरुदेव श्रीबलदेव दासजी के पुण्य स्मरण में 1980 से निरंतर भागवत कथा का आयोजन उनकी पुण्यतिथि पर कराया जाता रहा है। हमारा नीलमाधव आश्रम निर्मोही अखाड़े से संबंध है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रीभागवत कथा का आयोजन सात दिनों और अंतिम दिन महा भंडारे का आयोजन किया गया है।

इस वर्ष निर्मोही अखाड़े चित्रकूट धाम की कथावाचक पूजनीय दीदी मां प्रज्ञा भारती के श्रीमुख से श्रीभागवत कथा का वाचन होगा। दीदी मां प्रज्ञा भारती के ओजस मुख से भागवत गीता का श्रवण करना भक्तों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा। वह बहुत ही महीन तरीके से श्रीमद भागवत की महत्ता को छोटे-छोटे छंदों से समझाती हैं।

कथा 8 मई में से शुरू होगी। नील माधव आश्रम में समय के साथ भागवत को सुनने वालों की संख्या बढ़ी है और इस बार दीदी मां के आने से आशा है आसपास के जिलों से भी भक्ति उन्हें सुनने जरूर आएंगे। आयोजन समिति की ओर से बीते 15 दिनों से तैयारियां जारी है।

बेलादुला के पार्षद अजय मिश्रा जो आयोजन समिति के अध्यक्ष हैं वह दिन रात अपनी टीम के साथ भागवत कथा को और भव्य बनाने में की तैयारी में जुटे हुए हैं और उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि अधिक से अधिक आकर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करें और अपने जीवन को और बेहतर बनाएं। आयोजन समिति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सह संचालक विनोद अग्रवाल, गोकुल आनंद पटनायक,तेजराम रोहड़ा, टेकचंद रोहड़ा एवं मंदिर के महंत श्री राजाराम जी आदि शामिल है।

*श्रीमद भागवत को करें आत्मसात: महंत रामगोपाल दास*
नीलमाधव आश्रम के महंत श्री रामगोपाल दास बताते हैं कि भागवत कथा एक प्राचीन और पवित्र ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं और शिक्षाओं का वर्णन किया गया है। यह कथा न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत है, बल्कि यह हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए भी प्रेरित करती है।

हम सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को इस भागवत कथा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत होगा, बल्कि यह हमें एक दूसरे के साथ जुड़ने और जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए भी प्रेरित करेगा।

हमें पूर्ण विश्वास है कि यह भागवत कथा आयोजन सभी के लिए एक यादगार और आध्यात्मिक अनुभव होगा। हम सभी भक्तों और श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।

कौन हैं दीदी मां साध्वी प्रज्ञा
जबलपुर में पैदा हुई दीदी मां प्रज्ञा भारती ने समाजशास्त्र में एमए किया है उसके बाद उन्होंने 10 वर्षों तक अध्यापन का कार्य किया अभिनय संगीत व अध्यात्म में शुरू से रुचि रहा है। विद्यार्थी जीवन में अभिनय में अखिल भारतीय नाट्य प्रतियोगिताओं के दौरान सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के 10 अवार्ड मिले हैं।

इन्हें फिल्मों में कार्य करने का अवसर मिला। देश की संगीत कंपनी जैसे टी-सीरीज ,चंदा, सोनोटेक आदि ने इसे 150 से अधिक भजन के एल्बम करवाएं हैं। विभिन्न चैनलों के माध्यम से आध्यात्मिक कार्यों का प्रसारण दीदी मां के द्वारा व्यासपीठ से श्रीराम कथा, श्रीमद् भागवत, देवी भागवत, नर्मदा पुराण जारी है। भजन संध्या साईं संध्या, भगवती जागरण आदि भी जारी है।

इसके अलावा राष्ट्र प्रेम, राष्ट्रीय भावना की अलख जगाने हेतु ओजस्वी वक्ता के रूप में इनकी पहचान है। इन्होंने कई संस्थाओं का स्थापना भी की है जिसमें साईं शक्ति सेवा जबलपुर, नदी प्रहरी समाज सेवी संस्था जबलपुर , साईं शक्ति, गौ सदन छत्तीसगढ़, महानदी आरती शिप्रा आरती, तमसा महाआरती आदि की शुरुआत की है। यह वेद रतन सेवा प्रकल्प छत्तीसगढ़ की संरक्षक है।

इन्होंने जल जंगल जमीन के संरक्षण हेतु नदी प्रहरी विशेष अभियान चलाए हुए हैं। नदियों की महा आरती काशी और हरिद्वार की तर्ज पर हो इस हेतु प्रत्येक नदी की महाआरती का प्रकल्प लिया है। नशा मुक्ति, सामाजिक समरसता, बेटी बचाओ पर विशेष ध्यान दे रही हैं। पिछले 6 सालों में लाखों की संख्या में नदियों के प्रहरी बनाए हैं।

जैसे नर्मदा प्रहरी, महानदी प्रहरी, तमसा, ताप्ती आदि। इसके अतिरिक्त वनांचलों में धर्मांतरण रोकने का कार्य, बच्चों की शिक्षा, महिला सत्संग आदि सामाजिक कार्य भी दीदी मां के द्वारा संचालित किया जा रहे हैं। आध्यात्मिक भजन एवं पर्यावरण पर कई रचनाएं दीदी मां ने लिखे हैं।

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