छत्तीसगढ़

वन माफियाओं की धरपकड़ में माहिर दीपक तिवारी को मिली अहम जिम्मेदारी

रायपुर. यह सही कि छत्तीसगढ़ के वन महकमे के कुछ हिस्सों में अवैध शिकार और जंगल कटाई को बढ़ावा देने वाले अफसर तैनात हैं, लेकिन कुछ इलाकों में जल-जंगल और जमीन को बचाने वाले प्रतिबद्ध कर्मचारी और अधिकारियों की मौजूदगी भी देखने को मिलती है.

नया रायपुर में पदस्थ रहे सहायक परिक्षेत्र अधिकारी और रायपुर वनमंडल के उड़नदस्ता प्रभारी दीपक तिवारी एक ऐसे डिप्टी रेंजर हैं जिनसे लकड़ियों का अवैध परिवहन करने वाले माफिया और गलत ढंग से आरा मिल संचालित करने वाले खौफ खाते हैं.

कई आरा मिलों को सील करने वाले दीपक तिवारी को वन माफिया अपना काल मानते हैं. तिल्दा नेवरा हो, रायपुर या फिर जंगल सफारी अपनी पदस्थापना के दौरान दीपक तिवारी ने अनेक ऐसे कामों को अंजाम दिया है जिससे प्रशासनिक गलियारों में उनकी सराहना ही हुई है.

बहरहाल हाल के दिनों में रायपुर के वनमंडलाधिकारी ने दीपक तिवारी को उड़नदस्ता के प्रभार के साथ-साथ रायपुर वन परिक्षेत्र का प्रभारी अधिकारी तैनात कर दिया है.

दीपक तिवारी को नई जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद बाद यह भ्रम फैलाने की कवायद भी हुई कि तबादले में रोक के बावजूद उनका तबादला किया गया है जबकि हकीकत यह है कि उन्हें उड़नदस्ता के प्रभार के साथ-साथ रायपुर के प्रभारी रेंजर का अस्थायी प्रभार सौंपा गया है.

वनमंडलाधिकारी एलएन पटेल कहते हैं- किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं किया गया है बल्कि वनमंडल की व्यवस्था के तहत कार्य का आवंटन करते हुए अस्थायी प्रभार सौंपा गया है. पटेल ने बताया कि रायपुर परिक्षेत्र के पूर्व रेंजर सतीश मिश्रा थे कुछ समय पहले हटा दिए गए थे.

जब जगह खाली थीं तब धमतरी में पदस्थ चंद्रप्रकाश महोबिया को प्रभार दिया गया. अब चंद्रप्रकाश महोबिया को नया रायपुर के वन परिक्षेत्र में जवाबदारी दी गई तो दीपक तिवारी को रायपुर वन परिक्षेत्र का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है.

इसके अलावा राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के वनक्षेत्रपाल तीर्थराज साहू को नया रायपुर के अतिरिक्त प्रभार से भारमुक्त किया गया है. अब वे पूरी तरह से राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान का ही कार्य देखेंगे. पटेल आगे कहते हैं- वन विभाग अपनी प्रभावशीलता और कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए योग्य और क्षमतावान कर्मचारियों और अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपते रहता है. यह कहना ठीक नहीं है कि शासन की नीति का उल्लंघन हो गया है.

रेंजर संघ के प्रांतीय अध्यक्ष मिर्जा फिरोज बेग ने बताया कि दीपक तिवारी वरिष्ठ डिप्टी रेंजर हैं. उनकी सर्विस को लगभग 30 साल हो गया है. बेग ने कहा कि दीपक तिवारी कभी उनके अधीन भी कार्यरत थे. वे जब तक उनके अधीन थे तब तक उन्होंने वन विभाग के लिए पूरी मुस्तैदी और प्रतिबद्धता के साथ ही अपने काम को अंजाम देते रहे हैं.

वन क्षेत्र में अवैध काम करने वालों की धरपकड़ करने में उनका कोई मुकाबला नहीं है. वे जिन अफसरों के मातहत काम करते रहे हैं सबने उन पर भरोसा ही जताया है. रायपुर के एसडीओ विश्वनाथ मुखर्जी का भी मानना है कि दीपक तिवारी अनुभवी है तो उनकी तैनाती से रायपुर वन परिक्षेत्र को निश्चित रुप से फायदा मिलेगा.

वे अपने काम का संपादन भली-भांति जानते हैं. रायपुर वन परिक्षेत्र के प्रोटोकाल इंचार्ज सक्षम गोस्वामी का मानना है कि वर्तमान में रायपुर वन परिक्षेत्र को जिस अधिकारी की आवश्यकता थीं वह उसे मिल गया है. सभी लोगों को की यह अपेक्षा थीं कि एक ऐसा अधिकारी मिले तो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों सहित अन्य सभी कर्मचारियों को साथ लेकर चलें और उनकी सुनें.

दीपक तिवारी पूरी क्षमता से सबको जोड़कर चलते हैं इसलिए उनकी तैनाती से छोटा-बड़ा हर कर्मचारी खुश है. वन कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अजीत दुबे का कहना है कि दीपक तिवारी को उनकी बेहतर कार्यशैली की वजह से जिम्मेदारी मिली है. हम सबको उम्मीद है कि वे आगे भी बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम देते रहेंगे.

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