छत्तीसगढ़

स्मार्ट मीटर नहीं, स्मार्ट लूट : माकपा

माकपा का एलान, सीकर से गूंजा दो साल लंबे जनआंदोलन का शंखनाद

हम आम लोगों की जेबों पर बिजली के नाम से होने वाली डकैती नहीं करने देंगे। यह हुंकार आज सीकर से उस समय गूंजी, जब माकपा के राज्य स्तरीय कन्वेंशन में सांसद अमराराम ने दो टूक कहा कि स्मार्ट मीटर आम जनता की जेब पर अडानी-अंबानी के हित में डाका डालने की साजिश हैं। सीकर से उठी यह हुंकार अब राज्यव्यापी संघर्ष का बिगुल है और माकपा ने दो साल तक चलने वाले निर्णायक आंदोलन की घोषणा करती है।



स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे, चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े
अमराराम ने कहा, “राजस्थान में साल 2000 में जब बिजली कंपनियों को बांटा गया, तब कहा गया था कि उपभोक्ता को सस्ती बिजली मिलेगी। लेकिन हकीकत यह है कि 1.75 रुपए प्रति यूनिट की बिजली आज 6.50 रुपए से भी अधिक मूल्य में मिल रही है और इसके बावजूद कंपनियों के घाटे बढ़ते जा रहे हैं। अब स्मार्ट मीटर लाकर जनता की जेब सीधी काटने की तैयारी है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



यह नया संघर्ष 13 महीने चले किसान आंदोलन की अगली कड़ी है” बीजू कृष्णन
किसान सभा के अखिल भारतीय महासचिव बीजू कृष्णन ने कहा, “मैं उस आंदोलनकारी ज़मीन पर खड़ा हूं जिसने कर्ज माफी दिलवाई थी। आज फिर सरकार ने अपने वादे तोड़े हैं। कृषि कानूनों के साथ हुए समझौते में साफ लिखा था — बिजली का निजीकरण नहीं होगा। लेकिन सरकार फिर धोखा दे रही है। अब वक्त है — लाल झंडा थामने का, सड़कों पर उतरने का और यह तय करने का कि बिजली जनाधिकार है, कंपनी मुनाफा नहीं।”



“स्मार्ट मीटर = जनता से धोखा, डेटा से खिलवाड़” – सुदीप दत्ता
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव सुदीप दत्ता ने आगाह किया

स्मार्ट मीटर केवल आर्थिक लूट नहीं, बल्कि साइबर हैकिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा भी हैं। इंटरनेट से नियंत्रित ये मीटर किसी भी दिन पूरे सिस्टम को ठप कर सकते हैं। इसके ज़रिए पहले जेब काटी जाएगी, फिर डेटा और नियंत्रण छीना जाएगा।



उन्होंने कहा, “सीकर से आंदोलन शुरू होना आधी जीत है — बाकी आधी जीत जनता के हाथों में है।

यह जनविद्रोह है — लूट के खिलाफ, सत्ता के खिलाफ” – किशन पारीक
माकपा राज्य सचिव किशन पारीक ने चेताया

हनुमानगढ़, नागौर, झुंझुनू, सीकर – हर जिले में उबाल है। यह केवल बिजली का मुद्दा नहीं, यह आम आदमी के अधिकारों, जीवन और आत्मसम्मान की लड़ाई है। स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे — चाहे सड़कें जाम करनी पड़ें या विधानसभा घेरनी पड़े।



कन्वेंशन से उठे अग्निशपथ जैसे संकल्प: आंदोलन का नक्शा जारी
कॉमरेड अमराराम ने कन्वेंशन के अंत में आगामी आंदोलन की चरणबद्ध योजना घोषित की:

1 से 15 अगस्त: सभी सहायक अभियंता कार्यालयों पर प्रदर्शन

16 से 31 अगस्त: राज्यव्यापी हस्ताक्षर अभियान

सितंबर: जिला स्तरीय धरने और घेराव

हॉल में गूंजती ताली नहीं, विद्रोह की गर्जना थी
जाट बोर्डिंग के रिडमल सिंह हॉल में हुए इस कन्वेंशन में जैसे-जैसे घोषणाएं हुईं, ताली नहीं, चेतावनी की गूंज थी। हॉल खचाखच भरा था, मंच पर थे पूर्व विधायक पेमाराम, बलवान पूनिया, गिरधारी महिया, और ज़िलों से आए दर्जनों नेताओं ने मंच साझा किया।
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